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    भारत और दक्षिण कोरिया

    भारत और दक्षिण कोरिया के बीच शुक्रवार को छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिसका मकसद महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार हैं। इसमें आतंकवाद का निपटान, व्यापार में विस्तार, निवेश और ट्रांसपोर्ट शामिल है। इन ज्ञापन पत्रों पर हस्ताक्षर पीएममोदी और राष्ट्रपति मून जे इन की उपस्थिति में हुए हैं।

    ट्रांसनेशनल क्राइम को खत्म करने के लिए कोरिया के राष्ट्रीय पुलिस विभाग और भारतीय गृह मंत्रालय के बीच एक  समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।

    कोरिया प्लस के संचालन को जारी रखने से सम्बंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। कोरियाई कंपनियों द्वारा भारत में निवेश सुविधाओं को देखने वाला संगठन है। कोरिया प्लस साल 2016 में अस्तित्व में आया था।

    कोरिया ब्राडकास्टिंग सिस्टम और प्रसार भारती के बीच सहयोग से सम्बंधित समझौते हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत भारत का डीडी इंडिया चैनल का कोरिया में प्रसारण होगा और केबीएस वर्ल्ड चैनल का प्रसार भारत में किया जाएगा।

    भारत की नेश्नल हाइवे अथॉरिटी और कोरिया एक्सप्रेसवे ने सड़क और परिवहन के क्षेत्र में द्विपक्षीय समझौते को बढ़ाने के लिए एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें तकनीकी और सांस्थानिक जानकारी का आदान प्रदान किया जायेगा।

    रानी हूर पर डाक टिकट जारी करने से सम्बंधित हस्ताक्षर किये हैं। योध्या की राजकुमारी थी और एडी 48 में भारत से कोरिया गयी और उन्होंने राजा किम सुरों से विवाह कर लिया था।

    पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करने के लिए पीएम मोदी ने मून जे इन का शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने कहा कि “मैं राष्ट्रपति मून जे इन का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। दोनो देशों के मध्य आतंक को खत्म करने से संबधित समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो हमें अपने एजेंडा की तरफ ले जाएंगे।”

    पीएम मोदी दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय यात्रा में राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करेंगे। नरेंद्र मोदी की यह इस राष्ट्र की दूसरी यात्रा है और राष्ट्रपति मून जे इन के साथ भी यह दूसरी मुलाकात है।

    नरेंद्र मोदी गुरूवार को सीओल पंहुचे थे, जिसका सम्बन्ध दोनों देशों के बीच विश्ष्ट रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करना है। साथ ही सांस्कृतिक और द्विपक्षीय व्यापार को बढाना है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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