Wed. Nov 6th, 2024
    सचिन बंसल

    फ्लिप्कार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल जिन्होंने हाला ही में भारतीय कैब कंपनी ओला में 650 करोड़ का बड़ा निवेश किया था, अब जल्द ही स्वयं का एक बैंक शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। इकनोमिक टाइम्स द्वारा एक रिपोर्ट में बताया गया है की इसी सन्दर्भ में वे फाइनेंसियल एक्सपर्ट के साथ बैठक कर रहे हैं।

    रिज़र्व बैंक अधिकारियों से की चर्चा :

    फाइनेंसियल डेली ने भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया है की सचिन बंसल ऐसा करने पर विचार कर रहे अहिं और हाल ही में वे इस बारे में चर्चा के लिए रिज़र्व बैंक के कुछ अधिकारियों से भी मिले। इस रिपोर्ट में बताया गया है की एक बैंक शुरू करके वे भारत के फाइनेंसियल सेक्टर में प्रवेश करना चाहते हैं। इस सेक्टर में वोदेशी कंपनियों का बड़ा निवेश हो चूका है।

    सचिन बंसल ने ईमेल से दी जानकारी :

    इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा इस मुद्दे को लेकर सचिन बंसल को ईमेल भेजा गया जिसके जवाब में उन्होंने लिखा की फाइनेंसियल सेक्टर अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है और इसके चलते हम इस सेक्टर में प्रवेश करने पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया की उनके द्वारा अभी इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है और अभी वे इतनी ही जानकारी दे सकते हैं।

    सचिन बंसल के बारे में :

    सचिन बंसल ने 2007 में बिन्नी बंसल के साथ मिलकर फ्लिप्कार्ट की स्थापना की थी जोकि भारत में सबसे बड़े इ कॉमर्स व्यवसायों में से एक है। यह सेवा मुख्य रूप से अमेज़ॅन की भारतीय सहायक कंपनी और घरेलू प्रतिद्वंद्वी स्नैपडील के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। 

    अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने कुछ समय पहले फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 16 अरब डॉलर (1.05 लाख करोड़ रुपये) में खरीद ली थी। यह वॉलमार्ट का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होने के साथ ई-कामर्स क्षेत्र का सबसे बड़ा सौदा है। इसके बाद सचिन बंसल की इसमें 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बच गयी थी जिसे उन्होंने हाल ही में 1 अरब डॉलर में बेच दिया।

    ओला में किया 650 करोड़ का निवेश :

    फ्लिप्कार्ट से अलग होने के बाद सचिन बंसल ने कई कंपनियों में निवेश किया है और उनमे से एक ओला है जिसमे सचिन बंसल ने कुल 650 करोड़ रुपयों का निवेश किया। यह निवेश ओला में किया गया सबसे बड़ा व्यक्तिगत निवेश है।

    ओला में अपने इस बड़े निवेश पर सचिन बंसल ने बताया की ओला भारत के सबसे होनहार उपभोक्ता व्यवसायों में से एक है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गहरा प्रभाव और स्थायी मूल्य पैदा कर रहा है। एक तरफ, वे गतिशीलता क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरे हैं और दूसरी तरफ, वे अपने मंच के माध्यम से एक अरब भारतीयों की विभिन्न जरूरतों के लिए गहराई से निर्माण करना जारी रखते हैं, आज एक विश्वसनीय घरेलू नाम बन गया है।”

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *