वालमार्ट के स्वामित्व वाली भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (flipkart) ने सरकार को बताया है की यदि नए नियम इतने कम समय में लागू कर दिए जाते हैं तो उनके ग्राहकों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही उसने सरकार से समय अवधि को बढाने की गुजारिश की है।
फ्लिप्कार्ट सीईओ कृष्णामूर्ति का सरकार को पत्र :
नियमों के लागू करने की तारीख बहुत पास है लेकिन फ्लिप्कार्ट इन नियमों के हिसाब से खुद को अनुकूल नहीं बना पाई है जिसके चलते सीईओ कृष्णामूर्ति ने सरकार को पत्र लिखकर लागू करने की तिथि को बढाने की गुजारिस की है। उनके अनुसार इन नियमों के हिसाब से बने के लिए उन्हें कंपनी के हर एक पहलु को बदलना होगा। इसके लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त समय की ज़रुरत है।
इससे कुछ दिन पहले ही फ्लिप्कार्ट मने अपने विक्रेताओं को इन नियमों से निश्चिंत रहने को कहा था।
नियम लागु करने की तिथि में बदलाव मुश्किल :
यदि विशषज्ञों की माने तो इन नियमों की तिथि को आगे खिसकाना लगभग असंभव सा है। ऐसा इसलिए वे मान रहे हैं की कुछ लोगों का कहना था की सकरार ऐसा आने वाले चुनावों में व्यापारियों का साथ पाने के लिए कर रही है। यदि यह सही है तो इन नियमों का जल्द लागू होना ज़रूरी है क्योंकि चुनाव ज्यादा दूर नहीं है।
वर्तमान में इन नियमों को लागू करने की तिथि 1 फरवरी निश्चित की गयी है। उस दिन ये नए नियम लागू और तबसे ही ये ई-कॉमर्स कंपनियां भारी छूट पर सामान नहीं बेच पाएंगी।
क्या हैं नए ई-कॉमर्स नियम :
ई-कॉमर्स के नए नियम गतवर्ष दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में बनाए गए थे। नए नियमों के अंतर्गत ये ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफार्म अब अपनी वेबसाइट पर भारी छूट देकर उत्पादों को नहीं बेच सकते हैं और ना ही एक्सक्लूसिव डील के तहत उत्पादों के तहत अपने उत्पादों क बेच सकते हैं।
इसके अलावा अब विदेशी ई-कॉमर्स विक्रेता ऐसी कंपनी के उत्पाद अपनी वेबसाइट पर नहीं बेच पायेंगे जिसमे इनकी 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
क्यों बनाए गए नए नियम :
नए नियम बनाने इसलिए जरूरी हो गए क्योंकि बहुत समय से ऑफलाइन और छोटे खुदरा विक्रेताओं से शिकायतें मिल रही थी की ई-कॉमर्स वेबसाइट भारी छूट देकर सभी ग्राहकों को आकर्षित कर लेती हैं जिससे उनके व्यापार में भारी नुक्सान हो रहा है।
इसके चलते सरकार को व्यापार के नए नियम बनाने पड़े जिससे अब भारी छूट देना बंद करना होगा। इससे छोटे खुदरा व्यापारियों के व्यापार के हालात सुधरने की उम्मीद है।