देश के जाने माने राजनेता, वकील और भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली जी का आज जन्मदिन है। इस मौके पर उन्हें देश विदेश से बधाई सन्देश मिल रहे है। ट्वीटर समेत समूचा सोशल मीडिया उनके जन्मदिन संदेशों से लबालब भरा हुआ है। जेटली की दीवानगी कुछ ऐसी है कि पार्टी के ही नहीं अपितु विपक्ष के नेता भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे है।
राजनीति के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं नें जेटली को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
Warm birthday greetings to my valued colleague Shri @arunjaitley Ji. I pray for his long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2017
श्री @arunjaitley जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें, आपकी दीर्घायु व स्वास्थ्य के लिये ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 28, 2017
कानून के प्रख्यात जानकार और राजनीति में गहरी समझ रखने वाले अरुण आज 65 वर्ष के हो गए है। उनका जन्म आज ही के दिन 1952 में नई दिल्ली में हुआ था। अपने राजनैतिक जीवन में अरुण ने कई उतार चढ़ाव देखे है लेकिन उनका उत्साह आज भी वैसा ही है जैसा कभी युवा काल में था।
अरुण जेटली के बारे में क्या आप यह बातें जानते है?
अरुण जेटली के बारे में कई तथ्य ऐसे है जो लोगों को हैरानी से भर देते है। सामान्य जीवनशैली के दिखने वाले अरुण का जीवन सफर कुछ ऐसा भी रहा है जिसे सुन लोग अचंभित हो जाते है। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले अरुण के बारे में आइए जानते है कुछ मजेदार तथ्य।
सीए बनना चाहते थे लेकिन बन गए वकील
अरुण का जन्म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्ली में हुआ था। वो बचपन से ही तेज बुद्धि के थे और पढाई में हमेशा सबसे आगे रहते थे। अरुण का सपना वकील नहीं बल्कि सीए बनने का था और इसीलिए उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई की थी लेकिन बाद में उनका रुझान कानून की तरफ गया और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।
कॉलेज में ही पढाई के दौरान अरुण राजनीति से जुड़ने लगे थे। देश में जो कुछ भी चल रहा होता था उनसे उनके युवा मन पर प्रभाव पड़ता था। बाद में पढ़ाई के दौरान अरुण दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
1975 में आपातकाल के दौरान अरुण जेल गए
अरुण का नाम उन नेताओं में से आता है जिन्होंने आपातकाल को देखा और सहा है। कांग्रेस सरकार में इंदिरा गाँधी के खिलाफ वो आपातकाल के वक्त जेल भी गए थे। उन्होंने कई दिन जेल में गुजारे। जेल से आने के बाद जेटली थोड़े बदल से गए और उन्होंने जनसंघ को ज्वाइन कर लिया।
वकालत की दुनिया में जब चमके अरुण
अरुण अब तक खुद को तलाश रहे थे। उन्हें जिंदगी में सही दिशा तब मिली जब 1977 में उन्होंने कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरु की। अरुण का तर्क वितर्क करने का तरीका कुछ ऐसा था जिसे देख अनुभवी वकील भी दांतो तले उंगलिया दबा लेते थे। कुछ ही सालों में जेटली कानून जगत में एक ब्रैंड बन गए।
जनता पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष
अरुण कानून जगत में कमाल कर रहे थे लेकिन अभी लोगों को उनका धमाल देखना बाकी था। राजनीति उनका बाहें पसारे स्वागत को तैयार थी। आख़िरकार वो समय भी आया जब अरुण राजनीति से जुड़े। 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के समय उनको पार्टी यूथ विंग का अध्यक्ष बना दिया गया। युवाओं को राजनीति से जोड़ने की जिम्मेदारी को इस पद पर रहते हुए अरुण ने बखूबी निभाया।
बोफोर्स घोटाले से रहा संबध
भारतीय राजनीति में एक समय ऐसा भी आया जब बोफोर्स घोटाले के कारण कांग्रेस की पूरी सरकार हिल गयी। इस घोटाले के आरोप बड़े बड़े राजनेताओं समेत तत्लाकिन प्रधानमंत्री राजिव गांधी पर भी लगे। इस मामले से जुड़ी कार्यवाई अरुण जेटली ने ही की थी।
1999 में बने कानून एवं न्याय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री
1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में अरुण कानून न्याय और सुचना एवं प्रसारण मंत्री बने। कानून की अच्छी समझ होने की वजह से उनको कानून मंत्री बनने में कभी कोई दिक्कत नहीं आयी।
कानून ही नहीं स्पोर्ट्स में भी कर चुके है कमाल
अरुण जेटली सिर्फ कानून या राजनीति जगत में ही नहीं बल्कि खेल जगत में भी अपना नाम चमका चुके है। वो बीबीसीआई अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके है। गौर करने वाली बात है कि 2014 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग से दुखी जेटली ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
किताबे पढ़ना पसंद है
अरुण को किताबो से बहुत ही लगाव है। आज भी अपने बिजी टाइम टेबल में से वो इतना समय निकाल लेते है कि कोई मनचाही किताब पढ़ सके। अक्सर लोगों ने उनको अपने खाली समय में किताब पढ़ते हुए देखा है।