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    भारतीय नौसेना प्रमुख

    भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लानबा ने कहा है कि हिंद महासागर में चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय नौसेना ने 6 परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन में नौसेना प्रमुख लानबा ने कहा कि भारत ने छह परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इन पनडुब्बियों को हिंद महासागर में तैनात किया जा सकता है।

    इस मेगा प्रोजेक्ट की पुष्टि करते हुए नौसेना प्रमुख ने संकेत दिया है कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिकाजापान के प्रस्तावित चतुर्भुज गठबंधन के तहत भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी भूमिका को निभाने के लिए तैयार है।

    नौसेना प्रमुख ने इस परियोजना के बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार किया है। एडमिरल लानबा ने कहा कि हिंद महासागर में चीन द्वारा पनडुब्बियां तैनात करना अजीब बात है।

    इस पर भारतीय नौसेना द्वारा संभावित खतरे का आकलन भी किया जा रहा है। लानबा ने कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर समुद्री क्षेत्र में प्रचलित सुरक्षा परिस्थितियों से अवगत है।

    ग्वादर बंदरगाह में चीनी जहाज का होना भारत के लिए चुनौती

    नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लानबा ने पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर भविष्य में चीनी युद्धपोतों की बढ़ती तैनाती को भारत की सुरक्षा के लिहाज से खतरा माना है। गौरतलब है कि चीन सीपीईसी के तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने की एवज में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में लगा हुआ है।

    लानबा ने कहा कि अगर भविष्य में चीन के नौसैनिक जहाज ग्वादर में रहेंगे तो यह सुरक्षा के लिहाज से हमारे लिए चुनौती होगी, जिसे हमें देखना होगा और कम करना होगा।

    डोकलाम विवाद के बाद चीनी पनडुब्बियों की संख्या बढ़ी

    भारत व चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद चीनी नौसेना ने अपने युद्धपोतों और पनडुब्बियों की अतिरिक्त तैनाती कर दी थी। पहले चीनी नौसेना जहाजों की संख्या हिंद महासागर क्षेत्र में आठ थी जो अगस्त में बढ़कर 14 तक हो गई है।

    लानबा ने कहा कि भारतीय नौसेना की उपस्थिति समुद्री गलियारों में विस्तार ले रही है। लानबा ने कहा कि हमारे जहाज और विमान लगभग 24×7 आधार पर अदन की खाड़ी से पश्चिमी प्रशांत तक तैनात किए गए है।

    हाल में सिंगापुर से नौसैनिक करार के बाद नौसेना प्रमुख ने बताया कि कई और देशों से लॉजिस्टिक सुविधा के लिए इस तरह के करार की बातचीत चल रही है लेकिन चीन को इसमें सम्मिलत नहीं किया जाएगा।

    एडमिरल लानबा ने कहा कि रूस से ली गई परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र को कुछ नुकसान पहुंचा है लेकिन इसमें किसी अमेरिकी अधिकारी को आने की अनुमति नहीं दी गई है। गौरतलब है कि रूस ने अमेरिकी सहायता लेने पर नाराजगी जताई थी।

    भारतीय नौसेना का किया जाएगा आधुनिकीकरण

    नौसेना प्रमुख लानबा ने कहा कि भारतीय नौसेना का आधुनिकीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 34 जहाज अभी निर्माणाधीन है। साथ ही निजी शिपयार्डों की भागीदारी के लिए करीब 40000 करोड़ रूपये की राशि को विभिन्न परियोजनाओं में लगाया जाएगा।

    नौसेना प्रमुख ने कहा कि देशी विमान वाहक जहाज आईएसी 1 पर काम करना अच्छी तरह से प्रगति कर रहा है।  उन्होंने उम्मीद जताई कि ये जहाज साल 2020 तक नौसेना में शामिल होगा।

    इसके अलावा नए लड़ाकू विमानों से समुद्र की निगरानी की जाएगी। जहाज से बने हेलीकाप्टरों को शामिल करके नौसेना के विमानन दल को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए है।