Wed. Dec 18th, 2024
    अटल बिहारी और पंडित मदन मोहन जी

    25 दिसंबर का दिन वैसे तो समूचे विश्व में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आज ही के दिन को क्रिसमस या बड़ा दिन के नाम से प्रभु ईसा मसीह या यीशु के जन्म दिवस की याद में मनाया जाता है। लगभग पुरे विश्व मे आज अवकाश और हर्ष का दिन है। आज ही से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत हो जाती है।

    तमाम खूबियों के अलावा आज के दिन की कुछ खूबिया ऐसी भी है जो भारतीय राजनीति से जुडी हुई है या जिन्होंने भारतीय राजनीति को बदलने में एक बड़ा योगदान निभाया है। आज का दिन भारतीय राजनीति में विशेष है क्यूंकि यह दिन एक नहीं बल्कि देश के दो-दो भारत रत्नों से जुड़ा हुआ है।

    आज दो भारत रत्नों का जन्मदिवस है। एक तरफ महान कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता अटल बिहारी का जन्मदिन है तो दूसरी तरफ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान समाज सुधारक, शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती भी है।

    इस मोके पर आज समूचा देश इन दोनों महान विभूतियों को नमन कर रहा है। देश के तमाम नेताओं ने दोनों को ट्वीटर समेत सभी सोशल मीडिया के जरिए याद किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद करते हुए लिखा है कि “हमारे प्यारे अटल जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। उनके अभूतपूर्व और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को और अधिक विकसित किया और विश्व स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाया है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूँ”

    मोदी ने इससे पहले पंडित जी के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा था कि “पंडित मदन मोहन मालवीय जी का प्रभाव भारत के इतिहास पर मजबूत और अविस्मरणीय है। आगे की शिक्षा और देशभक्ति की भावना के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा”

    सबसे लम्बे समय तक गैर कोंग्रेसी पीएम रहे थे अटल

    अटल जी आज 93 वर्ष के हो गए है। भारतीय राजनीति के इतिहास में एक समय ऐसा भी रहा है जिसे अटल युग या अटल काल के नाम से जाना जाता है। सामान्य से दिखने वाले नेता अटल जी के फैसले उस समय इस तरह के होते थे जिनका कायल विपक्ष भी होता था।

    भारतीय राजनीति की दशा और दिशा दोनों को बदल देने की ताकत रखने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बटेश्वर के मूल निवासी थे। वो मध्य प्रदेश में अध्यापन कार्य करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के पिता अध्‍यापक के अलावा हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। शायद हिंदी अटल जी को अपने पिता से विरासत में ही मिली थी।

    सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी पीएम रहे है वाजपेयी
    सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी पीएम रहे है वाजपेयी

    एक अच्छे नेता होने के साथ ही वाजपेयी एक प्रखर वक्ता, कवी और पत्रकार भी थे। वाजपेयी काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद पर 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे करने वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे। यह बात गौर करने वाली है कि 24 दलों की गठबंधन की सहयता से सरकार चलाने के बावजूद अटल जी का कभी किसी से कोई विवाद नहीं रहा था।

    भारत को बनाया था परमाणु संपन्न राष्ट्र

    अटल जी ने ही भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाया था। पूरी दुनिया को चौंकाते हुए भारत ने वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट किए थे जिसके बाद से हिंदुस्तान को परमाणु संपन्न राष्ट्र के नाम से भी जाना जाने लगा।

    11 मई 1998 को अटल सरकार के नेतृत्व में भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु टेस्ट किया था।
    11 मई 1998 को अटल सरकार के नेतृत्व में भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु टेस्ट किया था।

    अटल जी के इस कदम पर तो पूरी दुनिया ही हैरान रह गयी थी। परमाणु का यह कार्यक्रम इतनी गोपनीयता से किया गया था कि जासूसी उपग्रहों व तकनीकी से संपन्न पश्चिमी देशों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी।

    अपने व्यवहार से सदैव मृदुभाषी रहे थे पंडित जी

    पंडित महामना मदनमोहन मालवीय जी के बारे में कहा जाता है कि वो अपने वयवहार से मृदुभाषी थे। कभी किसी से उनका कोई वैर और विवाद नहीं रहा था।

    पंडित महामना मदनमोहन मालवीय जी थे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक
    पंडित महामना मदनमोहन मालवीय जी थे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक

    पडित जी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम तहा देशभक्ति से भरे हुए थे। उनका सपना था कि भारत में शिक्षा के स्तर को सबसे आगे ले जाया जाए।

    कर्म को ही जीवन समझते थे

    कर्म को ही जीवन समझने वाले पंडित जी को भारत रत्न मिल चूका है। पंडित जी एक अच्छे और जागरूक पत्रकार भी थे। उन्होंने कालाकाँकर के राजा रामपाल सिंह के अनुरोध पर हिन्दी और अंग्रेजी के समाचार पत्र हिन्दुस्तान का 1887 से सम्पादन किया था

    इस कदम से पंडित जी ने ढाई साल तक जनता के दिल में देशभक्ति का संचार किया था। पंडित जी ने 1909 में दैनिक ‘लीडर’ अखबार निकालकर लोकमत निर्माण का महान कार्य भी सम्पन्न किया था।