Fri. Apr 26th, 2024
    डॉलर बनाम भारतीय रुपया

    भारत की अर्थव्यवस्था साल 2030 तक 6.5-7 खरब डॉलर हो जाएगी। यही नहीं साल 2035-40 तक भारत का मौजूदा विनिमय दर 10 खरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। देश के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और विशेषज्ञ बिबेक देबरॉय ने इस बारे में जानकारी दी।

    उन्होंने कहा कि साल 2030 भारत में प्रति व्यक्ति आय मात्र 4,000 अमेरिकी डॉलर रहेगी, जो कि अन्य देशों की तुलना में काफी कम होगी। स्कॉच शिखर सम्मेलन के दौरान देबरॉय ने कहा कि साल 2030 तक भारत की राष्ट्रीय आय लगभग 6.5-7 खरब डॉलर होगी, जबकि 2035-40 तक भारत की विनिमय 10 खरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।

    देबरॉय ने कहा इस मजबूत इकॉनोमी के चलते भारत एक अलग पहचान होगी और यह वैश्विक मामलों में अपनी अलग भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि लोग अब नौकरियां नहीं तलाश कर रहे हैं, बल्कि इसके विपरीत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।

    मुकेश अंबानी पहले ही कर चुके हैं ऐसी घोषणा

    रिलायंस इंडस्ट्रीज के चीफ मुकेश अंबानी ने कहा कि अगले सात सालों में भारत की जीडीपी दोगुनी होकर 5 खरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा 2030 तक 10 खरब डॉलर के साथ मील का पत्थर बन सकता है, इस शताब्दी के भीतर अमेरिका और चीन को पछाड़ते हुए भारत दुनिया का सबसे समृद्ध राष्ट्र बन सकता है।

    मुकेश अंबानी ने कहा कि 21वीं सदी के मध्य तक भारत की विकास दर चीन से ज्यादा देखने को मिलेगी। यही नहीं भारत लोकतंत्र, सुशासन के तहत पूरी दुनिया में विकास का एक बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत करेगा।

    एचटी लीडरशिप शिखर सम्मेलन में बोलते हुए अंबानी ने कहा कि पहली औद्योगिक क्रांति के दौरान कोयला और भाप की शक्ति यांत्रिक शक्ति के गवाह बने, इसके बाद दूसरे दौर में बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण के लिए बिजली और तेल का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद के जनरेशन ने उत्पादकता और आॅटोमेशन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी को बढ़ावा दिया।

    तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

    जाहिर है यदि भारत की अर्थव्यवस्था 10 अरब डॉलर तक पहुँचती है, तो भारत चीन और अमेरिका के बाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस समय भारत विश्व में अर्थव्यवस्था के मामले में छटी सबसे बड़ी शक्ति है। अमेरिका और चीन के अलावा भारत से ऊपर जापान, जर्मनी और ब्रिटेन हैं। चूंकि इन तीनों देशों की विकास दर काफी धीमी है, ऐसे में भारत आसानी से तीसरे स्थान पर जगह बना सकता है।