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    भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी

    एर्जेन्टीना में इस बार जी 20 सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इसके बाद साल 2022 में इसका आयोजन निश्चित हैं लेकिन कौन सा देश इसकी मेजबानी करेगा, यह तय होना अभी बाकी है। इटली ने साल 2022 में जी 20 के सम्मेलन के आयोजन के लिए खुद की जगह भारत को मेजबानी करने के लिए है। इटली के इस ऐलान के बाद भारत से साथ उनके द्विपक्षीय संबंधों में एक नई ऊर्जा का विस्तार हुआ है।

    भारत को 2021 में जी 20 सम्मेलन की मेजबानी करनी है जबकि इटली को साल 2022 में करनी है। हालांकि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने आग्रह किया कि इटली को साल 2021 में मेजबानी मिलनी चाहिए जबकि भारत को साल 2022 में मेजबानी करने का अनुरोध किया था। साल 2022 में भारत की आज़ादी को 75 वर्ष होंगे।

    जापान इस बैठक को साल 2019 में और सऊदी अरब को साल 2020 में इस बैठक की मेजबानी का मौका दिया जायेगा। साल 2022 में भारत को आज़ाद हुए 75 वर्ष पूर्ण हो जायेंगे इस शुभ अवसर पर भारत विश्व का जी 20 के सम्मेलन में स्वागत करने की इच्छा रखता है।

    नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि दुनिया की तीव्रता से उभरती अर्थव्यवस्था (भारत) आइये। भारत का इतिहास, विविधता और अनुभवों को जानने के लिए भारत का भ्रमण कीजिये। भारत ने इटली के पीएम का साल 2017 और इस वर्ष स्वागत किया था। इस वर्ष नरेन्द्र मोसी जापान से इटली के प्रधानमन्त्री से मुलाकात के लिए दिल्ली वापस आ गए थे।

    भारत के लिहाज से इटली तकनीक और आर्थिक क्षेत्र में एक अहम भाग है और भारत का मकसद ही यूरोप के साथ रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करना है। इटली के पीएम भारत में टेक्नोलॉजी सम्मेलन में शामिल होने आये थे। इटली यूरोपीय संघ का सदस्य देश है और भारत के साथ तकनीक साझा और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के इच्छुक होगा।

    भारत और इटली के संस्थानों के मध्य काफी पुराणी साझेदारी हैं। भारत और इटली के मध्य समुंद्री विवाद हो गया था हालांकि भारत ने इटली के जहाज लौटा दिए थे। इटली ने भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम में सदस्यता का समर्थन किया था। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साल 2016 में इटली दौरे के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य संबंधों में गति आई और दिनों राष्ट्रों ने मतभेदों को कम करने के लिए आगे बढ़ने का निर्णय किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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