हाल ही में पेश किये गए 2019 बजट में सरकार ने स्टार्टअप इंडिया के आवंटन में पिछले साल के मुकाबले 25 करोड़ कम आवंटन किया है। हालांकि सरकार ने मेक इन इंडिया के लिए आवंटन को काफी हद तक बढ़ा दिया है।
स्टार्टअप इंडिया के आवंटन के बारे में जानकारी :
बजट के दौरान पेश किये गए दस्तावेजों के अनुसार स्टार्टअप इंडिया में सरकार द्वारा 3 करोड़ रुपयों से कम आवंटन किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार 2018 में बजट में स्टार्टअप इंडिया में 28 करोड़ का आवंटन किया गया था लेकिन इस साल बजट द्वारा स्टार्टअप इंडिया को केवल 25 करोड़ का आवंटन किया गया है।
स्टार्टअप इंडिया पहल का उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और नवोन्मेषी उद्यमियों के विकास के लिए अनुकूल एक इकोसिस्टम बनाकर नवाचार को बढ़ावा देना है। दस्तावेजों के अनुसार स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान के तहत 19 भाग हैं, जो सरलीकरण और हैण्ड-होल्डिंग, फंडिंग सपोर्ट और इंसेंटिव और इंडस्ट्री-एकेडमिया पार्टनरशिप और इन्क्यूबेशन जैसे क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
मेक-इन-इंडिया में बढ़ाया आवंटन :
हालांकि सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया में आवंटन में कमी की गयी है लेकिन दूसरी और सरकार ने मेक इन इंडिया इनिशिएटिव में आवंटन को बहुत हद तक बढ़ा दिया है।
इसके आवंटन में स्कीम फॉर इन्वेस्टमेंट के लिए 232.02 करोड़, स्कीम फॉर इम्प्लीमेंटेशन ऑफ़ नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पालिसी के लिए 8.47 करोड़ का आवंटन और फण्ड ऑफ़ फंड्स के लिए 100 करोड़ का आवंटन किया गया है। अतः सरकार ने 2018-19 के 149 करोड़ के आवंटन को बढ़ाकर मेक इन इंडिया में 2019-20 में कुल 473.3 करोड़ कर दिया गया है।
मेक इन इंडिया पहल का मुख्य उद्देश्य भारत देश को विनिर्माण केंद्र(मैन्युफैक्चरिंग हब) में बदलना है। इस पहल को 25 सितम्बर 2014 में शुरू किया गया था।