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    30 लाख लोगों की नौकरियां छिनी

    भारत में नौकरियों को लेकर युवाओं में एक नया ट्रेंड देखने को मिला है। सर्वे के अनुसार पिछले सात महीनों में बेरोजगार युवाओं में नौकरी के प्रति आकर्षण कम हुआ है। ऐसे में अब इन बेरोजगार युवाओं ने नौकरियां ढूढ़नी भी बंद कर दी है।

    सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी के अनुसार इस साल जनवरी से लेकर अगस्त के बीच, इन सात महीने में कम से कम 30 लाख लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2017 में देश में कुल 40.84 करोड़ लोगों के पास रोजगार था लेकिन जुलाई आते-आते यह संख्या घटकर 40.54 रह गई। यानि जनवरी से अगस्त के बीच देश में 30 लाख लोग बेरोजगार हो गए।

    एक रोचक आंकड़े के मुताबिक साल 2017 के जनवरी महीने में 2.59 करोड़ युवा रोजगार की तलाश में थे जब कि जुलाई में यह संख्या घटकर 1.37 करोड़ के आस पास आई गई। ये आंकड़े साबित कर रहे हैं कि युवाओं में नौकरी करने के प्रति आकर्षण अब धीरे-धीरे कम होने लगा है।

    इसकी एक वजह तो साफ है कि अब बेरोजगार युवा नौकरी करने के बजाय अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। केंद्र सरकार ने जिस तरीके से इन्टरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया है उसे देखते हुए युवा विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हुए कोई नौकरी ना करके अपना एक छोटा सा व्यवसाय शुरू करना चाह रहे हैं।

    रोजगार उपलब्ध कराया:

    साल 2017 के जनवरी-अप्रैल के बीच सरकार ने करीब 40 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। यही नही मई-अगस्त महीने के बीच एक बार फिर 20 लाख लोगों को रोजगार दिया गया।

    एक आंकड़े के मुताबिक नोटबंदी से पहले देश में श्रम भागीदारी 10 महीनों में 47 फीसदी रही वहीं नोटबंदी के बाद अगले 10 महीनों में यही दर 44 फीसदी के आस पास रही।

    वहीं सीएमआईई का कहना है कि जुलाई 2017 के दौरान श्रम भागीदारी अपने न्यूनतम स्तर 43 फीसदी पर रही जबकि अगस्त, सितंबर तथा अक्टूबर के महीनों में श्रम भागीदारी में इजाफा देखने को मिला है।

    2017-18 में बेरोजगारी बढ़ने के आसार:

    संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2017—18 के दौरान बेरोजगारी में इजाफा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।  आईएलओ के मुताबिक 2018 में भी रोजगार सृजन के ग​ति पकड़ने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में 2017—2018 में बेरोजगारी में बढ़ोतरी होगी।

    आईएलओ रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में 1.77 करोड़ बेरोजगार थे जबकि साल 2017 में यही आंकड़ा बढ़कर 1.78 करोड़ पहुंच गया और साल 2018 में कुल 1.80 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आंशका है।