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    निकाय चुनाव ,फ़िरोज़ाबाद

    उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव का कल दूसरे चरण में मतदान होने है। शुक्रवार को ही प्रचार प्रसार थम गया, लेकिन में पार्टियों में चुनाव को लेकर काफी बेचैनी है। फ़िरोज़ाबाद में यह पहला निकाय चुनाव है इस चुनाव को लेकर बीजेपी काफी सक्रिय दिख रही है। क्योंकि यह ओबीसी क्षेत्र है, इस क्षेत्र में कुल 1 लाख दलित है। जो किसी पार्टी की रची रचाई रणनीति बिगड़ सकती है। फ़िरोज़ाबाद निकाय चुनाव समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस तीन चरणों में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका के साथ 438 नगर पंचायतों को शामिल किया गया है। यूपी में पहले चरण का मतदान 22 नवंबर को सम्प्पन हुआ, पहले चरण में 25 जिलों के 5 नगर निगम, 71 नगर पालिका और 154 नगर पंचायत में मतदान हुए। दूसरे चरण का मतदान 26 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान 29 नवंबर को होना है, वहीं वोटों की गिनती 1 दिसंबर को की जाएगी । बता दें दूसरे चरण में 25 जिले के 6 नगर निगम, 51 नगर पालिका और 132 नगर पंचायत शामिल होंगे, साथ ही तीसरे चरण में 26 जिलों के 5 नगर निगम, 76 नगर पालिका और 152 नगर पंचायत में चुनाव होंगे, इस नगर निगम चुनाव में 3.32 करोड़ मतदाता अपना मत देंगे, चुनाव के लिए राज्य सरकार ने 36289 बूथ और 11,389 पोलिंग सेंटर बनाए हैं । 16 नगर निगम, 198 नगरपालिका, 438 नगर पंचायत के लिए चुनाव होंगे।

    वहीं भारतीय जनता पार्टी ने फ़िरोज़ाबाद निकाय चुनाव में न्य दाव खेला है। नवस्‍थापित फिरोजाबाद नगर निगम की मेयर सीट के लिए पहली बार हो रहे चुनाव में पार्टी ने युवा चेहरे को टिकट दी है। यह सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है।भाजपा ने फिरोजाबाद नगर निगम के लिए भाजपा नेता मंगल सिंह राठौर की पुत्री नूतन राठौर को अपना प्रत्याशी बनाया है। महज 30 साल के युवा चेहरे पर दांव लगाकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया है। आपको बता दे कि नूतन पहली बार किसी चुनाव में उतर रही है। हालांकि वे एक राजनीतिक परिवार से हैं, उनके पिता मंगल सिंह राठौर भाजपा के वरिष्ठ नेता और बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं। लेकिन इस परिवार की युवा पुत्री को सीधे मेयर का टिकट मिलना परिवार के लिए ख़ुशी की बात है।

    फ़िरोज़ाबाद में निकाय चुनाव को लेकर कई लोग अपना भाग्य आजमा रहे है। कई लोग मेयर बनाने की तैयारी में जुट गए है। सिमा विस्तार के साथ ही वार्डो के परिसीमन का कार्य भी पूरा हो गया हैं। फ़िरोज़ाबाद नगर पालिका को 4 अगस्त 2014 को नगर निगम का दर्जा प्राप्त हुआ था। उसी दौरान शासन ने पालिका बोर्ड भंग करते हुए यहाँ प्रशासन लगा दिया था। उसके बाद से ही लोग पार्षद और मेयर बनने की तैयारी करते रहे लेकिन चुनाव नहीं हो सका।

    पहली बार होगा मेयर पद का चुनाव
    सत्ता परिवर्तन के साथ ही फिरोजाबाद शहरी क्षेत्रों के लोगो में मेयर और पार्षद बनने के साथ चुनावी किरण जाग गई है। लोगो का कहना है कि पहली बार इस क्षेत्र में मेयर पद का चुनाव होना है, इसके लिए सिमा विस्तार का भी चयन नगर निगम के द्वारा करा लिया गया है।

    धर्म के आधार पर जनसँख्या शहरी क्षेत्र
    हिन्दू – 85.69%
    मुस्लिम – 12.60%
    ईसाई – 0.13%
    सिख – 0.7%
    अगर देखा जाये तो भारतीय जनता पार्टी की पकड़ इस क्षेत्र में कुछ ख़ास नहीं है। समाजवादी पार्टी ने यहाँ पहले से ही अपनी बुनियाद मजबूत कर बैठी है। लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फ़िरोज़ाबाद में अपने आप को साबित किया है। लेकिन इस निकाय चुनाव में सभी पार्टियों ने घेरा बंदी लगा दी है।

    मेयर प्रत्याशियों की सूचि
    भजरतीय जनता पार्टी – नूतन राठौर
    समाजवादी पार्टी – सावित्री गुप्ता
    बहुजन समाजवादी पार्टी – पायल राठौर
    कांग्रेस – शाहजहाँ परवीन
    आम आदमी पार्टी – सुनीता शर्मा

    फिरोजाबाद में कुल 70 वार्ड है, जिसमे 191 मतदान केंद्र है। फ़िरोज़ाबाद में कुल वोटरों की संख्या 5 लाख 902 है। उधर सभी पार्टियां अपने अपने उमीदवार के पक्ष में वोट की अपील कर रही है। फ़िरोज़ाबाद एक व्यवसायिक क्षेत्र है, इसे कांच की नगरी भी कहते है। इसके मध्यनजर समाजवादी पार्टी ने सावित्री गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है, पार्टी का कहना है कि यह क्षेत्र वयवसायियों का क्षेत्र है जिसको देख्ग्ते हुए यह फैसला लिया गया है। यह कहा जा रहा है कि फ़िरोज़ाबाद समाजवादी पार्टी का गढ़ है, यहाँ से लोकसभा सांसद समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव है जो युवा नेता हैं। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार एसपी. सिंह बघेला को लगभग 1 लाख वोटो से पराजित किया था। लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव का समीकरण कुछ और कहता है हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ़िरोज़ाबाद में अपने उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान अपने कहा कि विधानसभा चुनाव में यहाँ की जनता ने बहुत प्यार दिया है। अगर जनता ने इस चुनाव में भी साथ दिया तो फिरोजाबाद की सूरत बदल देंगे। उन्होंने पूर्व सरकार को घेरते हुए कहा कि मार्च में जब हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में आई तो यहाँ की व्यवस्था कुछ और कह रही थी। योगी ने कहा कि ना कोई कानून वयवस्था और ना ही विकास दिख रहा था। उन्होंने अपनी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने जो पांच सालों में नहीं कर पाई वह काम भारतीय जनता पार्टी ने आठ महीने कर दिखाया है। योगी ने केंद्र में बैठी मोदी सरकार की तारीफ करते हुए उत्तर प्रदेश के किसानो की ऋण माफ़ करने की बात कही। उन्होंने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह हमने इस दीपावली में अयोध्या को बिना प्रदूषण के जगमगाया था। अगर पार्टी पूर्णरूप से न्याय चुनाव में विजय होती है तो पुरे नगर निगम को वैसे ही जगमग कर देंगे। लेकिन इस बार चुनाव में बहुजन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आ जाने से भाजपा की मुश्किलें काफी बढ़ गई है।

    माना जा रहा है कि फ़िरोज़ाबाद निकाय चुनाव जातिगत आधारित मुद्दों पर व्यवस्थित है। फ़िरोज़ाबाद मेयर सीट आरक्षित महिला है। लेकिन बीजेपी अपना पक्ष मजबूत करने में लगी है। पार्टी का कहना है कि हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे है और यह उम्मीद है कि बीजेपी को बहुमत हासिल होगी। लेकिन जानकारों का कहना है कि फिरोजाबाद समाजवादी पार्टी का गढ़ है, पहली बार 4 अगस्त 2014 को सपा की सरकार ने ही फिरोजाबाद को नगर निगम का दर्जा दिया था। जिससे जनता के बीच समाजवादी पार्टी के लिए उत्साह और भी बढ़ गया। देखा जाये तो सपा ने मुस्लिम वोट को भी अपने पक्ष में ला खड़ा किया है। जिसके कारण अखलेश की पार्टी एक मजबूत पक्ष में दिख रही है।

    फ़िरोज़ाबाद निकाय चुनाव को लेकर मतदाताओं में अलग सा माहौल झलक रहा है। लोग इससे बेहद खुश नजर आ रहे है। सभी पार्टियां प्रत्याशियों के जीत के लिए मशक्क्त कर रही है। अब यह देखना जरुरी है कि इस नवव्यवस्थित नगर निगम में किस पार्टी का दबदबा कायम रहता है।
    मुख्यमंत्री योगी के सत्ता पर विरजमान होने के बाद उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पहली बार चुनाव लड़ रही है। जो कि उनके प्रतिष्ठा के तौर पर देखा जा रहा है।