विषय-सूचि
होलोजोइक पोषण क्या है? (what is holozoic nutrition in hindi)
होलोजोइक पोषण, हैटीरोट्रोफिक यानी परपोषी पोषण का ही एक अंश है जिसमें पाँच तरह के प्रक्रिया पाए जाते हैं – इंजेशन, डाइजेशन, अबसोर्प्शन, ऐसिमिलेशन और ऐक्सक्रीशन।
इंसान, कुत्ते, बिल्ली, शेर, और मच्छली जैसे जीव, होलोजोइक पोषण को अपनाते हैं।
होलोजोइक पोषण की प्रक्रिया (steps in holozoic nutrition in hindi)
1. अंतर्ग्रहण (Ingestion in hindi)
जब कोई भी जीव किसी चीज़ को अपने मुँह द्वारा खाता है, तो उसे इंजेशन कहते हैं। लेकिन सिंगल-सैल्ड जीव, इस प्रक्रिया को सैल मैम्ब्रेन द्वारा पूरा करते हैं।
दूसरे शब्दों में, इंजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे किसी भी चीज़ की पहचान डाईजेस्टिव सिस्टम से की जाती है।
2. पाचन (Digestion in hindi)
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खाने के तत्व को और भी सार्ला तत्व में किया जाता है, ताकि हमारा शरीर उसे आसानी से ग्रहण कर सकता है। डाइजेशन के दो प्रकार हैं – मेकानिकल और केमिकल।
मेकानिकल डाइजेशन में खाने के तत्व को शारीरिक तौर से सरल बनाया जाता है। इस प्रक्रिया को मैस्टिकेशन कहते हैं। केमिकल डाइजेशन में, प्रोटीन्स जैसे तत्व द्वारा खाने के तत्व को सरल बनाया जाता है।
डाइजेशन के कारण हमारे शरीर के सैल्ज़ भी इन खाने के तत्व को ग्रहण करते हैं। लेकिन ग्लूकोस और विटमिन सी जैसे तत्व को हमारे सैल्ज़ आसानी से ग्रहण कर लेते हैं जिसके वजह से उन्हें डाइजेशन प्रक्रिया की अवश्यक्ता नहीं होती है।
डाइजेशन की प्रक्रिया सैल्ज़ के बाहर या अंदर हो सकती है। यदि यह प्रक्रिया सैल्ज़ के बाहर हो, तो उसे एक्स्ट्रासैल्युलर कहा जाता है, और अंदर की प्रक्रिया को इंट्रासैल्युलर कहा जाता है।
3. अवशोषण (Absorption in hindi)
यह प्रक्रिया डाइजेशन के बाद शुरू होता है जिसमें खाने के सरल किए गए तत्व शरीर ग्रहण कर लेता है। शरीर के टिशुज़ पहले इन्हें ग्रहण करते हैं, और फिर यहाँ से वो अन्य दूसरे टिशुज़ में फैल् जाते हैं। ग्रहण करने की ये प्रक्रिया पैसिव और ऐक्टिव होते हैं।
हमारा आंत करीब पाँच से छ: मीटर लम्बी है। इसके पहले मीटर तक डाइजेशन की प्रक्रिया समाप्त हो जाती है, जिसके बाद अबसोर्प्शन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
4. आत्मसात (Assimilation in hindi)
जो खाना डाइजेस्ट हो जाता है, सिप्टोप्लास्म नामक प्रक्रिया द्वारा इकट्ठा किया जाता है। इस प्रक्रिया से शरीर के अन्य सैल्ज़ तथा अंग तक आवश्यक तत्व पहुँच जाते हैं।
5. विसर्जन (excretion in hindi)
जैसे खाने के तत्व आंत के अंत तक पहुंचते हैं, शरीर के अंग तक आवश्यक तत्व की खूबियाँ भी पहुँच जाती है। इनके अलावा जो तत्व रह जाते हैं और शरीर जिसे ग्रहण नहीं कर पाते हैं, वे तत्व यहाँ से बड़ी आंत में जाते हैं और निम्नलिखित काम करते हैं।
- अनावश्यक तत्वो से पानी, सोडिअम और क्लोराइड जैसे तत्व को इकट्ठा करना।
- स्टूल क बनना और उसे बचाकर रखना।
- अनावश्यक तत्वो को बैक्टीरिया द्वारा फर्मेंट करना।
जब ये सारी अनावश्यक तत्व रैक्टम में इकट्ठित हो जाते हैं, तो ये शरीर से बाहर निकल आते हैं। इस पूरे प्रक्रिया को ही एक्सक्रीशन कहते हैं।
ये थी एक विस्त्रित जानकारी होलोजोइक पोषण के बारे में। ऊपर लिखे गए सारे प्रक्रियाओं के मिलन से यह पोषण बनता है।
अगर आपको इस विषय में कोई सवाल या सुझाव हो, तो नीचे कमेन्ट करें।
Kya humans bhi holozoic nutrition karte h?
Yes some condition
holozoic पोषण aur heterozoic पोषण में क्या अन्तर है?
Yes some condition
holozoic nutrition ke antargat kaun kaun aataa hai?
holozoic nutrition kon kon se jeevon mein paaya jaata hai ?
Mechanical or chemical digestion me Kya Kya antar hote Hain ? Kya humans me bhi. Do type ka digestion hota hai ya nahi?
Kya antar hai holozoic and HETEROZOIC nutrition me