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    हॉकी विश्वकप

    भुवनेश्वर मे चल रहे हॉकी विश्वकप मे भारत की हॉकी टीम ने इस साल शानदार आगाज किया था, औऱ अपने पूल मैच मे भी टीम ने सारे मैच जीते थे, लेकिन कल रात नीदरलैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल मैच मे भारत की हॉकी टीम को 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ भारतीय हॉकी टीम का 43 साल का विश्वकप जीतने का सपना भी चूर हो गया, अब सेमीफाइनल मैच मे 15 दिसंबर को इंग्लैंड का मुकाबला बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया का नीदरलैंड से होगा।

    भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम मे खेले गए इस मुकाबले मे मैदान खचाखच दर्शको से भरा हुआ था जहा पूरे जोश मे प्रशंसक चक दे इंडिया’, ‘जय हिंद ’ और ‘कम ऑन इंडिया ’ के नारे लगाकर टीम का हौसला बढ़ा रहे थे। भारत और नीदरलैंड के बीच क्वार्टरफाइनल मुकाबला देखने भारत के स्टार क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी आए थे।

    इस मैच मे दोनो ही टीमो की तरफ से पहले हाफ मे बराबरी की टक्कर देखने को मिली। मैच का पहला गोल भारतीय हॉकी टीम ने 12वें मिनट मे लगाया, भारत की टीम से यह गोल अाकाशदीप सिंह ने लगाया था, लेकिन नीदरलैंड की टीम भी इस बड़े मुकाबले मे पीछे हटने वालो मे से नही थी और उसके तीन मिनट बाद 15वें मिनट मे नीदरलैंड की तरफ से थियरे ब्रिंकमैन ने गोल लगाकर मैच मे 1-1 से बराबरी करवा दी।

    उसके बाद पहले हाफ में कोई गोल नही हुआ और दोनो टीम ने अपनी तरफ से मैच मे नियंत्रण बनाए रखा। दूसरे हाफ के 50वे मिनट मे पेनेल्टी कॉर्नर से मिली गेंद को वान डेर वीरडेन मिंक ने गोल मे बदलकर भारत के हॉकी विश्वकप जीतने के सपने को नाकाम कर दिया।

    तीन बार की चैंपियन और पिछली बार की उपविजेता टीम नीदरलैंड को रोकना भारतीय टीम के लिए आसान नही था। भारत के डिफेंडरो ने इस मैच मे शानदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम के लिए डच टीम के द्वारा किए गए कई हमलो को रोका, आखिरी मिनटों मे नीदरलैंड की टीम ने रक्षात्मक हॉकी खेलेते हुए भारत के 43 साल के हॉकी जीतने के सपनो पर पानी फेर दिया।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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