हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस अपने अपने बागी उम्मीदवारों की काट निकलने की कशमकश में जुटी हुई है। कई सीटों पर इन बागियों ने भाजपा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है। बगावत के चलते पार्टी से अलग होकर चुनावी दंगल में कूद गए है। बागी विधायकों के चुनावी मैदानों में उतरने से कई मंत्रियों समेत कई पूर्व विधायकों का अपने क्षेत्र में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने बागी हुए उम्मीदवारों की काट को खोजना शुरू कर दिया है। दोनों पार्टियों की कोशिश है कि चुनाव से पहले बागी उम्मीदवारों की काट खोजी जाए।
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण भाजपा के 7 और कांग्रेस के 10 नेता बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतर गए है। भाजपा के लिए चम्बा के विधायक बीके चौहान, पालमपुर क्षेत्र के प्रवीण शर्मा, भरमौर विधानसभा क्षेत्र के ललित ठाकुर और रेणुका से ह्रदय राम भाजपा के वोटबैंक को प्रभावित कर सकते है।
इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश के चुनावों में कांग्रेस के बागी नेताओं की बात करें तो उनमे शिमला शहरी विधानसभा के क्षेत्र से हरीश जनराथा मैदान में है, नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से बाबा हरदीप सिंह कांग्रेस से बागी होकर चुनाव में उतरे है। दरंग विधानसभा क्षेत्र से पूरनचंद बागी होकर चुनाव में उतरे है। रामपुर के जिग्गी राम और जोगेंद्र नगर के प्रकाश राणा ने चुनावी दंगल में उतर कर इस मुकाबले को रोचक कर दिया है।
पार्टियों ने किया बागियों को बाहर
हिमाचल प्रदेश के चुनावों में अपनी अपनी पार्टियों से बागी हुए नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी के खिलाफ जाने पर पार्टियों को यह कठोर कदम उठाना पड़ा है।
भाजपा से यह नेता हुए बाहर
पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ खड़े होने पर भाजपा ने अपने से बागी हुए 7 विधायकों को पार्टी से निष्काषित कर दिया है। पार्टी द्वारा निष्कासित नेताओं में वरिष्ठ नेताओं की संख्या भी काफी है। भाजपा ने चम्बा से बीके चौहान, डीके सोनी, पालमपुर से प्रवीण शर्मा, भरमौर विधानसभा के ललित ठाकुर, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के बलदेव ठाकुर, जसवंतपुरा से हंसराज और रेणुका विधानसभा क्षेत्र से ह्रदय राम को पार्टी से निष्कासित किया है।
कांग्रेस ने इन्हें दिखाया बाहर का रास्ता
भारतीय जनता पार्टी की ही तरह ही कांग्रेस ने भी अपने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। कांग्रेस ने अपने पूर्व मंत्री विजय सिंह मनकोटिया, पूर्व मंत्री सिंघी राम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हरीश जनारथा, बाबा हरदीप सिंह, पूरनचंद, राजेंद्र और बेनीप्रसाद समेत 10 नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है।