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    हिमाचल प्रदेश चुनाव

    कांग्रेस पार्टी के सितारे आजकल गर्दिश में चल रहे हैं। एक तरफ जहाँ केंद्रीय नेतृत्व असरविहीन होता जा रहा है वहीं राज्य इकाइयों में लगातार फूट पड़ती नजर आ रही है। गुजरात कांग्रेस में पड़ी फूट राष्ट्रपति चुनावों के वक्त सतह पर आ गई, वहीं आजकल बिहार कांग्रेस में बगावत के आसार नजर आ रहे हैं। इस कड़ी में अब अगला नाम हिमाचल प्रदेश का जुड़ गया है। वीरभूमि के नाम से प्रसिद्द हिमाचल प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस की ही सरकार है। कुछ महीनों बाद ही हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और उसके ठीक पहले पार्टी दो धड़ों में बँटती नजर आ रही है। प्रदेश सरकार और कांग्रेस संगठन की आतंरिक लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज कांग्रेस आलाकमान पर खुलकर हमला बोला।

    पार्टी आलाकमान से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी पूर्ववर्ती नीतियों से “अलग दिशा में” आगे बढ़ रही है। उन्होंने पार्टी को चेताया कि मनमाफिक तरीके से चयन करने का यह तरीका पार्टी का खात्मा कर देगा। कुल्लू जिले के निरमंड में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को सोचने और कामकाज करने के तरीकों में बदलाव लाने की जरुरत है। कांग्रेस कारोबारियों की पार्टी नहीं है। कांग्रेस का आधार देश की आजादी के लिए अपना जीवन कुर्बान करने वाले लोगों से जुड़ा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह से मतभेद हैं और इस बाबत उन्होंने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गाँधी को चिट्ठी भी लिखी थी। उनके पीछे 27 विधायकों ने उनके समर्थन में कांग्रेस सुप्रीमो को चिट्ठी लिखी थी और वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही थी।

    27 विधायकों ने वीरभद्र सिंह को माना था नेता

    नाराजगी स्वरुप लिखी चिट्ठी में कांग्रेस के कद्दावर नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राज्य के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह के खिलाफ नाराजगी जताई थी। कांग्रेस के 27 विधायकों ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव वो वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़ेंगे। इस मसले पर शिमला में कांग्रेसी विधायकों की बैठक भी हुई थी। बैठक में यह तय किया गया था कि वीरभद्र सिंह जैसे कद और व्यक्तित्व वाला कोई भी नेता हिमाचल प्रदेश में नहीं है। ऐसे में उनके बिना विधानसभा चुनावों में जीत हासिल नहीं की जा सकती। विधायकों ने कहा था कि पार्टी आलाकमान को इस मसले को सुलझाना होगा और विधानसभा चुनावों में पार्टी की बागडोर वीरभद्र सिंह को सौंपनी होगी।

    भावनात्मक थी वीरभद्र सिंह की चिट्ठी

    24 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखी चिट्ठी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने लिखा था कि वह पंडित नेहरू के समय से ही कांग्रेस से जुड़े हैं। अपने 60 सालों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने देश के सभी कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के साथ कार्य किया है। आगे उन्होंने लिखा था कि पार्टी के आलाकमान द्वारा हिमाचल प्रदेश में नियुक्त किए गए प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह की गतिविधियों से वे बेहद हताश हैं। उन्होंने लिखा था कि सुखविंदर सिंह हिमाचल प्रदेश में पार्टी संगठन को समाप्त करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को पद से हटाए जाने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने चुनाव ना लड़ने और पार्टी विधायकों को चुनाव ना लड़वाने की धमकी भी दी थी।

    मिला था दिग्गजों का समर्थन

    हिमाचल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का समर्थन किया था। पार्टी विधायकों की बैठक में उन्होंने वीरभद्र सिंह को अपना नेता माना था और खुले तौर पर कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव वे वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़ेंगे। 24 अगस्त को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखी गई चिठ्ठी के बाद अगले ही दिन कांग्रेस विधायकों ने बैठक की थी। उसके उपरान्त 27 विधायकों ने अपने हस्ताक्षर वाली चिट्ठी वीरभद्र सिंह की चिट्ठी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भेजी थी। वीरभद्र सिंह का समर्थन करने वालों में हिमाचल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी, विद्या स्टोक्स और जी एस बाली के नाम शामिल थे।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।