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    चीन दक्षिणी चीन सागर

    चीन हिंद महासागर व दक्षिणी चीन सागर में अपनी शक्तियों को लगातार बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इन सागरों पर चीन ने अब पानी के नीचे गुपचुप तरीके से निगरानी तंत्र विकसित किया है। ये निगरानी तंत्र पहले से ही शुरू हो चुका है। इस निगरानी तंत्र का उपयोग जल तापमान और लवणता के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जाता है। चीन इस तंत्र के जरिए समुद्री हितों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।

    हांगकांग स्थित दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट की माने तो हिंद महासागर व दक्षिणी चीन सागर में पानी के नीचे निगरानी तंत्र विकसित करने से चीनी नौसेनो को अपने जहाज की गतिविधियों व स्थिति की जानकारी सटीक रूप से मिलेगी।

    चीनी विज्ञान अकादमी के अंतर्गत दक्षिणी चीन सागर समुद्री विज्ञान संस्थान के नेतृत्व वाली परियोजना अभूतपूर्व सैन्य विस्तार का हिस्सा है। इसका उद्देश्य दुनिया के महासागरों में अमेरिका को चुनौती देना है।

    रिपोर्ट के मुताबिक निगरानी तंत्र के निर्माण व परीक्षणों के बाद अब ये प्रणाली चीनी नौसेना के हाथों में है जिससे अच्छे परिणाम भी मिले है। लेकिन साथ ही कहा गया है कि अभी भी चीन दुनिया के महाशक्तिशाली देश अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा करने में अभी पीछे है।

    विवादित समुद्री सागरों में ताकत बढ़ा रहा चीन

    चीन के निगरानी तंत्र की इस प्रणाली से दक्षिणी चीन सागर व हिंद महासागर से संबंधित आंकडे जुटाए जाते है। हाल के वर्षों में, चीन ने एडन की खाड़ी में समुद्री डाकू से लड़ने के लिए हिंद महासागर में नौसेना अभियान चलाया है।

    चीन दक्षिण और पूर्वी चीन सागरों में समुद्री विवादों में शामिल रहा है। उसके बावजूद भी चीन लगातार इन सागरों में अपनी ताकतों को बढ़ाने में लगा हुआ है।

    चीन द्वारा पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपना दावा ठोका जाता है। जबकि पूर्वी चीन सागर के जापान के नियंत्रण के तहत सेनकाकू द्वीपों पर भी चीन अपना हक बताता है।

    चीन विशाल प्राकृतिक संसाधनों को हड़पने की कोशिशों में लगा हुआ है। अमेरिका भी चीन से निपटने के लिए दक्षिणी चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में अपने नौसैनिक जहाजों और लड़ाकू विमानों को समय-समय पर तैनात कर रहा है।