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    हाफिज सईद रिहाई भारत का जवाब

    मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड व जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट ने रिहाई के आदेश दिए है। कोर्ट की तरफ से रिहाई के आदेश देने के पीछे की वजह पाकिस्तान सरकार की तरफ से हाफिज के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं करना है। क्योंकि पाकिस्तान खुद चाहता है कि हाफिज सईद रिहा हो जाए।

    अब पाकिस्तान के हाफिज सईद की रिहाई पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपना बयान दिया है। रवीश कुमार ने कहा है कि हाफिज सईद की रिहाई से एक बार फिर पाकिस्तान सरकार की गंभीरता की कमी की पुष्टि हुई है।

    ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी प्रणाली ने प्रतिबंधित आतंकवादियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया है। आगे कहा कि भारत व अंतरराष्ट्रीय समुदाय हाफिज सईद की रिहाई के कारण पाकिस्तान पर भयंकर तरीके से  गुस्सा है। भारत के साथ ही अमेरिका ने भी हाफिज सईद की रिहाई का विरोध किया था।

    आतंकवाद पर पाकिस्तान की दोहरी नीति

    पाकिस्तान एक तरफ तो खुद को आतंकवाद का विरोध करने वाला बता रहा है वहीं दूसरी तरफ वैश्विक समुदाय का आंखों में धूल झोंक रहा है। हाफिज सईद की रिहाई के आदेश दिखाते हैं कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को किस तरह से बेवकूफ बना रहा है।

    दरअसल पाकिस्तान हमेशा से ही आतंकवाद पर दोहरीकरण की नीति अपनाता रहा है। पाकिस्तान दुनिया के कई देशों को कहता है कि वो अपने देश में आतंकवादी ढ़ांचे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    इसके लिए अमेरिका जैसे बड़े देश उसे आतंकवाद खत्म करने के लिए काफी वित्तीय मदद भी करते है। लेकिन हकीकत में पाकिस्तान इस वित्तीय मदद का प्रयोग आतंकवाद को बढ़ाने में करता है।

    मुख्य रूप से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखने के लिए पाकिस्तान सरकार खुद आतंकी संगठनों को महफूज कर रही है। वहीं पाकिस्तान में हाफिज सईद की रिहाई से वैश्विक स्तर पर उसकी सच्चाई भी सामने आ गई है।

    कश्मीर विवाद के लिए जरूरी हाफिज सईद

    हाफिज सईद की रिहाई के पीछे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा कारण कश्मीर भी हो सकता है। यह बात तो किसी से छुपी नहीं है कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर कितना गंभीर है।

    पिछले करीबन 70 सालों में पाकिस्तान ने कश्मीर को पाने के लिए बहुत सारे प्रयास किये हैं। पाकिस्तान ने इस दौरान आतंकवाद का भी काफी सहारा लिया है। ऐसे में अब पाकिस्तान को लगता है कि हाफिज सईद का इस्तेमाल कर वह फिर से कश्मीर में हिंसा फैला सकता है।

    हाफिज सईद ने भी रिहा होने के तुरंत बाद कश्मीर का जिक्र किया था। सईद ने कहा था कि वह कश्मीर की आजादी के लिए प्रयास करेगा।

    26/11 के मुंबई हमलों के नजदीक होगी रिहाई

    हाफिज सईद की रिहाई 26/11 के मुंबई हमलों की बरसी से महज तीन पहले ही हो रही है। इन मुंबई हमलों में करीब 166 लोगों की जान चली गई थी। इन हमलों में एक मात्र जिंदा बचे आतंकी अजमल कसाब को बाद में फांसी की सजा सुनाई गई थी।

    इस हमले का संबंध पाकिस्तान के हाफिज सईद से ही था। भारत ने पाकिस्तान व वैश्विक स्तर पर इन सबूतों को भी पेश किया था। लेकिन पाकिस्तान ने इन सबूतों को मानने से ही इंकार कर दिया।

    अमेरिका ने भी आतंकवादी गतिविधियों में हाफिज सईद की सक्रिय भूमिका के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डाॉलर का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा इसके आंतकी संगठन को भी अपनी सूची में शामिल किया था।

    अमेरिका के दबाव में आकर ही पाकिस्तान ने हाफिज सईद को नजरबंद किया हुआ था। लेकिन अब रिहाई के आदेश मिलने से ही पाकिस्तान का काला चेहरा दुनिया के सामने आ चुका है।