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    हाफिज सईदHafiz Muhammad Saeed, chief of the banned Islamic charity Jamat-ud-Dawa, looks over the crowed as they end a "Kashmir Caravan" from Lahore with a protest in Islamabad, Pakistan July 20, 2016. REUTERS/Caren Firouz

    फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स के के एशिया पैसिफिक ग्रुप ने बताया कि इस्लामाबाद ने यूएनएससीआर 1267 परिषद् के नियमो के तहत हाफिज सईद और एलईटी, जेयूडी, एफआईएफ और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है।

    एपीजी की हालिया रिपोर्ट का शीर्षक म्यूच्यूअल एवलुएशन रिपोर्ट ऑफ़ पाकिस्तान में बताया कि देश को धनाशोधन या आतंकी वित्तपोषण के जोखिमी की पहचान, आंकलन और इसे समझना चाहिए। इसमें पाकिस्तान की सरजमीं से सक्रीय आतंकवादी समूह भी शामिल है जिसले डायेस, अलकायदा, जमात उद दावा, जैश ए मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूह शामिल है।

    रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने सभी आतंकवादी समूहों या व्यक्तियों के खिलाफ यूएन के नियमो को लागू करने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। विशेषकर जो लश्कर ए तैयबा, जमात उद दावा, फलाह ए इंसानियत और अन्य आतंकवादी समूह से जुड़े हुए हैं।

    इसमें बताया है कि “पाकिस्तान को पर्याप्त तरीके से धनाशोधन या वित्त पोषण के जोखिमो की पहचान, आंकलन और इन्हें समझना चाहिए। इसमें पाकिस्तान की सरजमीं से सक्रीय आतंकवादी समूह भी शामिल है जिसले डायेस, अलकायदा, जमात उद दावा, जैश ए मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूह शामिल है।”

    इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की कलाई सूची में डालने के भय को कई गुना बढ़ा दिया है। इस्लामाबाद को जून 2018 में अंतरराष्ट्रीय धनाशोधन निगरानी की ग्रे सूची में डाला गया था और एक्शन प्लान के 27 बिन्दुओं को अमल में लाने के लिए 15 महीनो की समयसीमा दी थी।

    यह अवधि सितम्बर में खत्म हो चुकी है और 13 से 18 अक्टूबर की अगली बैठक में अंतिम समीक्षा की जाएगी। इस बैठक का आयोजन पेरिस में किया जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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