हाथरस मामले में पीड़िता को इंसाफ मिलने की उम्मीद नजर आने लगी है। हाथरस केस में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने चार्जशीट में कहा है कि हाथरस पीड़िता की गैंगरेप के बाद हत्या हुई थी। मामले में संलिप्त चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई है। इसके साथ ही आरोपियों पर एससी एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा।
3 महीने पहले तक इस मामले पर खूब सियासत हुई। 19 साल की लड़की के साथ 4 लोगों द्वारा गैंगरेप व हत्या का मामला दर्ज था। ऐसी परिस्थिति में सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने भाजपा पर हमला करने और अपनी राजनीति चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। ये केस शुरुआत में बहुत ही पेचीदा और घुमावदार लग रहा था लेकिन अब सीबीआई की चार्जशीट के बाद स्थिति साफ होती दिख रही है।
फिलहाल मामले के सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। मामले के शुरुआती दौर में पीड़ित परिवार सीबीआई जांच के लिये राजी नहीं था लेकिन मामले के आरोपी जांच की मांग कर रहे थे। साथ ही पुलिस ने भी आनन फानन में पीड़िता की लाश जला दी थी। योगी सरकार पर आरोप लग रहे थे कि सरकार आरोपियों को बचा रही है। लेकिन सीएम ने तुरंत सीबीआई जांच के आदेश दिये। साथ ही एसटीएफ भी शुरुआत में मामले की जांच में जुटी थी।
विडम्बना ये रही कि राजनीतिक पार्टियों ने पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मांग के बजाये अपना राजनैतिक स्वार्थ साधना ज्यादा उचित समझा। मामले को पीड़ित और आरोपी के बजाये दलित व सवर्ण की लड़ाई का मंच बनाने की पूरी कोशिश की गयी। भीम आर्मी, आप व कांग्रेस ने इस मामले को अपने अपने एजेंडे के हिसाब से भुनाया। हाथरस इलाके में जातीय दंगे भड़काने के भी सुबूत मिले थे। लेकिन समय रहते सरकार ने स्थिति पर काबू किया और मामले को तुरंत सीबीआई को सौंप दिया।