हरियाणा के पंचकुला जिले में फैली हिंसा को रोक पाने में पुलिस प्रशासन और सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई। इसके बाद विपक्षी दलों और जनता का मानना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस्तीफा दे देना चाहिए।
बाबा राम रहीम को रेप केस में दोषी पाए जाने के बाद उनके गुंडों ने हरियाणा में जबरदस्त हिंसा को अंजाम दिया। हमले में जहाँ 30 लोगों की मौत हो गयी है, वहीँ सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इन सबके बाद एक सवाल जो सबके जहन में उठता है, वह है कि पूरी तैयारी के बावजूद इस भीषण हिंसा को रोका क्यों नहीं गया?
शुक्रवार दोपहर करीबन 3 बजे अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए बाबा राम रहीम को दोषी पाया था। इसके तुरंत बाद बाबा के गुंडों ने भड़काऊ जनता के साथ मिलकर उत्पाद मचा दिया था। यह हिंसा हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजधानी दिल्ली में दिखाई पड़ी। ख़बरों के अनुसार करीबन एक लाख लोग पंचकुला और चंडीगढ़ की सड़कों पर उतर आये थे।
लोगों ने सबसे पहले पुलिस को निशाना बनाते हुए उनपर भरी पथराव किया। इसके बाद भीड़ ने मीडिया को निशाना बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक आजतक की दो मीडिया वैनों को तोड़ दिया गया। इसके अलावा एक मीडिया कर्मी को बुरी तरह से पीटा गया। इसके बाद भीड़ ने सरकारी दफ्तरों और इमारतों को आग लगाना शुरू कर दिया। पंचकुला के इनकम टैक्स कार्यालय को आग लगा दी गयी थी। इस हिंसा में आम लोगों की सम्पति को बड़ा नुकसान हुआ है। भीड़ को जो गाडी-मोटर दिखाई दी, उसे ही आग के हवाले कर दिया गया।
हालाँकि फैसला सुनाने से पहले पुलिस द्वारा कहा गया था कि हालत काबू में है और किसी तरह की हिंसा नहीं होने दी जायेगी। आंकड़ों के मुताबिक करीबन 50000 सैनिकों को पंचकुला और चंडीगढ़ में तैनात किया गया था। इस सबके बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में हिंसा होना सरकार और मुख्यमंत्री की विफलता को साफ़ दिखता है। इसके बाद जनता का सवाल है कि क्या खट्टर सरकार एक राज्य को चलने में सक्षम है? अगर नहीं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। यह पहली बार नहीं हुआ है, जब हरियाणा सरकार उपद्रव को रोकने में विफल हुई है।