देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है। कोरोना से जंग जीतने के लिए टीकाकरण का काम बहुत तेजी से चल रहा है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले डेटा की तुलना करने पर यह बात सामने आई है कि देश में जिस स्पीड से टीकाकरण हो रहा है उसके मुताबिक सिर्फ 5.5 दिनों के लिए वैक्सीन बची है। एक और हफ्ते की अतिरिक्त सप्लाई के लिए वैक्सीन पाइपलाइन में हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह चिंता बढ़ाने वाली खबर है।
साढ़े नौ लाख से अधिक टीकाकरण हुए
देश में वैक्सीन की अबतक लगभग साढ़े 9 करोड़ से आस-पास डोज दी जा चुकी हैं। पिछले कुछ हफ्तों में भारत में फिर से कोरोना मामलों में जारी उछाल के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जा रहा है। 24 घंटों के भीतर 36 लाख से अधिक टीकाकरण किये गए। 1 अप्रैल को टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण शुरू हुआ था, जिसके तहत 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के किसी भी व्यक्ति को कोरोना डोज लगवाने की अनुमति है।
कई राज्यों में दो दिन का स्टॉक
आंध्र प्रदेश और बिहार की बात करें तो यहां का मौजूदा वैक्सीन स्टॉक दो दिन से भी कम है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ में अब तक 35.83 लाख वैक्सीन खुराक प्राप्त हुई है। वर्तमान में, हमारे पास 4.83 लाख खुराक का स्टॉक है जो 2 दिनों तक चल सकता है। हमने केंद्र सरकार से 7 दिनों के लिए वैक्सीन खुराक प्रदान करने का अनुरोध किया है ताकि टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चलता रहे।’
वहीं बिजय पाणिग्रही (ओडिशा में कोरोना टीकाकरण प्रभारी) बोले, ‘हमारे पास कोविशिल्ड की 3.2 लाख खुराक और कोवैक्सिन की 1 लाख खुराक हैं। इस स्टॉक के साथ, हम 2 दिनों के लिए टीकाकरण जारी रख सकते हैं। हम भारत सरकार से 2 दिनों के भीतर टीके प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि राजस्थान में वैक्सीनेशन का स्टॉक खत्म हो रहा है। अब केवल दो दिन का स्टॉक बचा है। उन्होंने पीएम से 30 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा कि सात अप्रैल तक यहां 86 लाख 89 हजार 770 वैक्सीन की डोज अब तक लगाई जा चुकी है। पीएम द्वारा 11 से 14 अप्रैल तक टीक उत्सव चलाने की घोषणा का स्वागत करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण से बचाव के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी टीकों की कमी की रेपर्ट आयी है।