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    सौरव गांगुली

    कलात्मक बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण के महाकाव्य 281 रन क्रिकेट लोककथाओ का हिस्सा हो सकता है लेकिन भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार को कहा कि वीवीएस लक्ष्मण के 281 रनो की पारी ने उनका करियर बचाया।

    मैच फिक्सिंग घोटाले से हिलकर, 21 वीं शताब्दी की शुरुआत में भारतीय क्रिकेट टीम उस वक्त एक अशांत और बुरे दौर से गुजर रही थी जब सौरव गांगुली ने टीम की कप्तानी का पद सांभला था।

    2001 मे अपने घरेलू मैदानो मे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैच की श्रृंखला खेल रही भारतीय टीम को मुंबई मे हुए पहले टेस्ट मैच मे मात मिली थी, उसके बाद कोलकाता मे खेले गए अगले टेस्ट मैच मे भारत की टीम जीत तालाश रही थी, लेकिन पहली इनिंग मे ऑस्ट्रेलिया ने उस मैच मे 445 रन बनाए थे जबाव मे बल्लेबाजी करने उतरी भारत की टीम पहली इनिंग मे 171 रन पर ढेर हो गई, उसके बाद फॉलो-अन खेलने आयी भारत की टीम ने अपनी दूसरी इनिंग मे शानदार बल्लेबाजी की जिसमे भारत के दो दिग्गज खिलाड़ियो ने पांचवे विकेट के लिए 376 रनो की साझेदारी की।

    जिसमे लक्ष्मण ने 271 और राहुल द्रविड़ ने 180 रन की पारी खेली थी और अपनी टीम को दूसरा टेस्ट मैच जीतवाने मे कामयाब हुए थे। कोलकाता मे खेले गए उस दूसरे टेस्ट मैच मे भारत ने 171 रनो से वह टेस्ट मैच जीता था।

    इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की टीम के कप्तान स्टीव वॉग ने अपनी टीम को लगातार 16 मैच जीतवाए थे, लेकिन गांगुली की कप्तानी मे जीत हासिल करके टीम को एक नई दिशा मिली।

    हैदराबाद के दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी इस पारी के ऊपर ‘281 और वियॉन्ड’ करके आत्मकथा लिखी है। इसमे भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा कि किताब का शीर्षक सही नही है।

    गांगुली ने कहा कि मैने लक्ष्मण से कहा था कि यह पुस्तक का उपयुक्त शीर्षक नही है इस पुस्तक का शीर्षक “281 और बियोंड, डेट सेव्ड सौरव गांगुली करियर” होना चाहिए था। गांगुली ने कहा कि “मैने इस शीर्षक का मजबूत विरोध किया था क्योकि अगर वह 281 रन नही बनाते तो हम वह टेस्ट मैच हार जाते और फिर मे कभी कप्तान नही बन पाता।”

    टेस्ट मे सफल करियर होने के बावजूद, लक्ष्मण सीमित ओवर के मैचो मे रन बनाने मे ज्यादा कमयाब नही हो पाए, उन्होने भारत की तरफ से 56 वनडे मैच खेले है और वह 2003 विश्वकप जो की दक्षिण-अफ्रीका मे हुआ था उसमे टीम मे जगह नही बना पाए थे।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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