लोकसभा में बजट पेश होने के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने बैठक आयोजित की। इस बैठक में विपक्ष के करीब 17 दलों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। सोनिया गांधी ने 17 दलों के नेताओं से कहा कि सभी को मिलकर “नफरत की विचारधारा” के बारे में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
इस वाक्यांश का प्रयोग सोनिया व राहुल गांधी ने बीजेपी के लिए किया। संसद में अलग से हुई विपक्षी दलों की बैठक में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एकता दिखाने का निर्णय लिया गया।
सोनिया गांधी ने कहा कि राज्यों के मुद्दों पर विपक्षी दलों की राय अलग हो सकती है लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर सबको बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। बजट पेश होने के बाद बीजेपी सरकार को घेरने की रणनीति पर भी विपक्षी दलों ने चर्चा की। इस बैठक से कुछ ही घंटे पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक बैठक की थी।
विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा
इससे पहले भी पवार ने विपक्षी दलों की बैठक उनके निवास पर बुलाई थी। जानकारी के अनुसार विपक्षी दलों की बैठक में सीपीएम के प्रस्ताव पर कोई भी चर्चा नहीं हुई। सीपीएम ने भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने को कहा था। हालांकि कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों का कहना है कि इस मुद्दे पर संसद मे चर्चा की जानी आवश्यक है।
विपक्षी दलों के बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हम सभी को राष्ट्रीय मुद्दों पर एकजुट रहने की जरूरत है। सोनिया ने जातिगत हिंसा, बेरोजगारी व मंहगाई समेत अनेक मुद्दों का भी जिक्र किया। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमें संसद के अंदर और बाहर दोनों ही जगह एक समान दृष्टिकोण और रणनीति को अपनाना चाहिए।