मृतोपजीवी पोषण, हैटीरोट्रोफिक पोषण का ही एक प्रकार या भाग है, जिसमें मरे हुए पौधे, जानवर या अन्य दूसरे डीकम्पोसिंग और्गानिक तत्व द्वारा, कुछ जीव अपना खाना बनाते हैं।
ऐसे जीव को, जो इस प्रक्रिया से अपना खाना बनाते हैं, उन्हें हम सैप्रोफाइट्स (saprophytes) कहते हैं।
विषय-सूचि
मृतोपजीवी पोषण क्या है? (what is saprophytic nutrition in hindi)
जिन चीजों में सैप्रोफाइट्स पनपते हैं, उन चीजों के तत्वों को, ये सैप्रोफाइट्स उनके कौम्पोज़िट्स में बदल देते हैं।
- प्रोटीन्स को उनके अमीनो ऐसिड में बदला जाता है।
- लिपिड्स नामक एक तत्व, फैटी ऐसिड्स में, और ग्लाइसेरौल में बदला जाता है।
- स्टार्च को डाइसैकराइड्स के छोटे टुकड़ों में बदला जाता है।
इन परिणामों के द्वारा, उचित तत्व इन जीव से मिलते हैं, और उसके आधार पर या तो बढ़ते हैं, या कम हो जाते हैं।
मृतोपजीवी पोषण की प्रक्रिया (process of saprophytic nutrition in hindi)
इस तरह के पोषण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए, एक उचित स्थिति और उचित तत्वों की आवश्यकता पड़ती है।
ऐसे सारे स्थितियों में से, कुछ स्थिति हैं:
पानी की उपस्थिति (presence of water)
अस्सी से नब्बे प्रतिशत फुई, पानी द्वारा बनते हैं, और इन्हें अतिरिक्त पानी की आवश्यकता होती है क्योंकि पानी के कुछ हिस्से, भाप जाते हैं।
ऑक्सीजन की उपस्थिति (presence of oxygen)
बहुत ही कम सैप्रोफाइट्स, औक्सिजन के बिना बढ़ पाते हैं, और पानी और मिट्टी से ऊपर उठ पाते हैं। इसलिए, औक्सिजन की उपस्थिति ज़रूरी है।
ज़्यादातर तत्व जो ये सैप्रोफाइट्स ग्रहण करते हैं, उनमें से कार्बन, प्रोटीन्स, विटामिन्स, और कभी कभी आइओंस, जैसे तत्व होना ज़रूरी है।
ये थी कुछ जानकारी सप्रोफाइटिक पोषण के बारे में।
अगर आपको इस विषय में कोई सवाल या सुझाव हो, तो नीचे कमेन्ट करें।
Wah bahut aacha