सूडान (Sudan) के अपदस्थ राष्ट्रपति ओमर अल बशीर पर भ्रष्टाचार सम्बंधित आरोप लगाए गए हैं। अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद रविवार को उनकी पहली झलक देखने को मिली थी। उन्हें सेना ने हटाने के आदेश दिए थे और उन्हें खारर्तूम में लाया गया था।
अभियोजक अला अल दिन अब्दल्लाह ने मीडिया को बताया कि “उन पर विदेशी मुद्रा को रखने और आधिकारिक तरीके से तोहफे को कबूल करने का आरोप लगाया गया है।” बशीर को इन आरोपों पर प्रतिक्रिया जाहिर करने का मौका दिया जायेगा। उनकी सुनवाई एक परीक्षा होगी कि देश की ट्रांज़िशनल मिलिट्री परिषद् उनके 30 वर्षों के निरंकुश शासन के खिलाफ उनके मामले के प्रति कितनी गंभीर है।
यह व्यापक हिंसा, आर्थिक गड़बड़ी और दक्षिणी सूडान के अलग होने का है। बीते माह बशीर उन पर प्रदर्शनकारियों को भड़काने और हत्याओं में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं। अभियोजकों ने बशीर पर धनशोधन और आतंकवाद को वित्त मदद करने से जुड़े होने का आरोप लगाया था।
सूडान के प्रमुख अभियोजक ने शनिवार को कहा कि “बशीर के प्रशासन के 41 पूर्व अधिकारीयों पर गबन के आरोपों की जांच की जा रही है।
बशीर के शासन के खिलाफ 16 हफ्तों के प्रदर्शन के बाद सेना ने 11 अप्रैल को बशीर को सत्ता से उखाड़ फेंका था और हिरासत में ले लिया था। लेकिन उनके सत्ता से बाहर होने के बावजूद सूडान हमेशा सैन्य परिषद् और प्रदर्शनकारियों के गठबंधन के बीच राजनीतिक मतभेदों का केंद्र रहा है। विपक्षी दल सैन्य परिषद् से नागरिक प्रशासन को सत्ता सौंपने की मांग कर रहा है।
सत्ता साझा करने का समझौता रद्द हो गया था और तनाव 3 जून को काफी बढ़ गया था जब सुरक्षा बल ने खारर्तूम में स्थित प्रदर्शनकारी शिविरों पर हमला किया था। प्रदर्शनकारियों की हत्याओं का आंकड़ा बढ़कर 128 हो गया था और स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 61 है।
सैन्य जांचकर्ताओं ने शनिवार को कहा कि विभिन्न पदों के सरकारी अधिकारियो शिविरों में हमले के दोषी है जिन्होंने बगैर इजाजत इसे अंजाम दिया था। राष्ट्रपति आवास में समर्थकों को सम्बोधित करते हुए सैन्य परिषद् के उपप्रमुख ने रविवार को कहा कि “वह गठबंधन की तरफ से उच्च सरकारों पदों के लिए नामांकन स्वीकार करने के लिए कहा था।”
जनरल मोहमद डागलो ने कहा कि “हम वास्तव में मतभेदों में नहीं थे और हम गौरवशाली क्रांति के साझेदार है। वे एक टेक्नोक्रैटिक सरकार के लिए कह रहे हैं और हम इसके लिए तैयार है।”