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    सुषमा स्वराज

    विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज विदेश मंत्रालय के वार्षिक पत्रकार वार्ता में मोदी सरकार के पिछले चार साल में प्राप्त विदेश नीति की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया।

    नयी दिल्ली में स्थित विदेश मंत्रालय में आयोगित किए गए पत्रकार वार्ता के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह, एम जे अकबर ने विदेश मंत्रालय के पिछले चार सालों के उपलब्धियों के रूप में अनप्रेसडेंटेड आउटरीच, अनपैरेलल आउटकम इस पुस्तक का विमोचन भी किया।

    विदेश मंत्री स्वराज ने कहा, विश्व के 192 देशों में से 186 देशों की यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य मंत्री परीषद के सदस्य कर चुके हैं। मुझे आश्चर्य हैं की विश्व के कई देशों की यात्रा आजादी के बाद से नहीं की गयी थी। सरकार बनाने के बाद हमने विश्व के सभी 192 देशों से दृढ़ संबंध प्रस्थापित करने का विचार किया था, आपको जानकर ख़ुशी होगी की हम 186 देशों से अपने संबंध प्रस्थापित कर सके हैं।”

    विदेश मैं रह रहे भारतीयों सुविधा के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाये जा रहे क़दमों की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “ अंतर्गत समस्यओं के चलते अस्थिर बन चुके देश जैसे यमन, इराक से 90,000 से ज्यादा भारतीय और भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को सुरक्षित रूप से भारत लय गया हैं। विभिन्न गुनाहों के लिए विदेशी जेलों मैं सजा काट रहे भारतीयों की सजा कम करवाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काफी रूचि रही हैं, जिसके चलते कई लोगों की सजा कम कर दी गयी या क्षमादान दे दिया गया हैं।”

    इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच शांति वार्ता के लेकर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए सुषमा स्वराज जी ने कहा आतंकवाद और शांति वार्ता एक साथ नहीं हो सकती। उन्होंने दोनों देशों के बीच पाकिस्तान के चुनाव के पहले या बाद में किसी भी प्रस्तावित वार्ता से इन्कार किया।

    चीन और डोकलाम विवाद की वर्त्तमान परिस्थिति का विवरण करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “डोकलाम विवाद के विषय में भारत के रुख मैं कोई बदलाव नहीं हुआ हैंऔर नाकि परिस्थितियां बदली हैं।”

    विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अनुसार भारत-रूस के संबंध दृढ़ हैं, और राष्ट्रपति पुतिन का खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनौपचारिक वार्ता के लिए आमंत्रित करना दोनों देशों के बीच रिश्तों के दृढ़ता का प्रमाण है।

    विदेशों में फसे भारतीयों की सर्वतोपरी मदत करने के लिए विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश सेवा के अफसरों और भारतीय राजदूतों का अभिनन्दन किया।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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