महाराष्ट्र की सोलापुर लोकसभा सीट पर जब प्रचार खत्म हुआ तब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी के सोलापुर से उम्मीदवार सुशील कुमार शिंदे नें मतदाताओं से भावुक अपील की कि वे उन्हें एक आखिरी बार वोट दें।
सुशील कुमार शिंदे नें मंगवार को कहा, “यह मेरा आखिरी चुनाव है और मैं मतदाताओं से अपील करता हूँ कि वे मुझे आखिरी बार लोकसभा में जाने का मौका दें।”
77 वर्षीय शिंदे का मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार लिंगायत साधु जयसिद्देश्वर स्वामी और वंचित बहुजन अगाड़ी के प्रकाश आम्बेडकर से है। यहां बृहस्पतिवार को वोट डाले जायेंगे।
दोनों विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए शिंदे नें कहा कि प्रकाश आम्बेडकर नें बाबासाहेब आम्बेडकर की बातों को भुला दिया है।
उन्होनें बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी विकास को भूलकर जाति की राजनीति कर रही है और इसीलिए उन्होनें स्वामी को उतारा है।
बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होनें कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब उसे सोलापुर यूनिवर्सिटी का निर्माण किया था और उजनी बांध से पानी लाने का काम किया था। उन्होनें कहा कि बीजेपी इस इलाके में एक भी विकास का कार्य नहीं करा सकी है।
मंगलवार को चुनाव प्रचार के अंत में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मेरा आखिरी चुनाव होगा। मैंने कभी सार्वजनिक तौर पर यह नहीं कहा, पर अब कह रहा हूं। मैं भविष्य में लोकसभा अथवा विधानसभा का चुनाव नहीं लडूंगा।
शिंदे पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार में गृहमंत्री रह चुके है। वह 2003 से 2004 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे और नवम्बर 2004 से जनवरी 2006 तक आंध्रप्रदेश के राज्यपाल रहे।
कुछ दिन पहले शिंदे नें बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उन्हें बीजेपी की ओर से पार्टी में शामिल होने का ऑफर आया है। उन्होनें कहा था कि वे एक सच्चे कांग्रेसी हैं और हमेशा पार्टी के साथ ही रहेंगे।
अपना नामांकन करते हुए शिंदे नें कहा था, “बीजेपी नें मेरी बेटी को पार्टी में शामिल होने के लिए ऑफर दिए थे, लेकिन मेरी बेटी नें मना कर दिया था। उसी तरह लोकसभा चुनावों के लिए कई बीजेपी के लोग मेरे पास भी आये थे, लेकिन मैंने साफ़ मना कर दिया है।”
उन्होनें कहा कि कांग्रेस को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है और उनकी और उनकी बेटी की नस नस में कांग्रेस का खून दौड़ता है। उन्होनें कहा कि वे अपनी अंतिम सांस तक कांग्रेस के साथ रहेंगे।