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    सीरिया में रखे गए आईएस के लड़ाके

    सीएनएन की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि आईएस के कैदियों को अब सीरिया में रखा गया है, बीते कुछ माह में संघर्ष के दौरान हज़ारो लड़ाकों ने समर्पण किया था। मार्च में आईएस को उसके अंतिम क्षोर बाघोज से खदेड़ दिया गया था और उसके 60000 सदस्यों को हिरासत में लिया गया था। बहरहाल, अभी भी आईएस के स्लीपर सेल खतरा बने हुए हैं।

    अमेरिकी नेतृत्व वाला गठबंधन और सीरियन डेमोक्रेटिक फाॅर्स को अब आईएस के विशान संख्या में सदस्यों से निपटना होगा जिनका भविष्य अन्धकार में है। शिविरों में अधिकतर बच्चे और महिलायें हैं। अमेरिका ने सीएनएन को बताया कि “50 से अधिक देशों के 1000 विदेशी आतंकी लड़ाकों की पहचान कर ली गयी है। उनकी पहचान के लिए बायोमेट्रिक, फिंगर प्रिंट और अन्य तरीको का इस्तेमाल किया गया है।”

    बीते सितम्बर में एसडीएफ ने 3200 से अधिक आईएसआईएस सदस्यों को कब्जे में रखा था। इसमें 900 लड़ाके और 1000 परिवार के सदस्य है। इसमें 41 देशों के विदेशी नागरिक भी शामिल है। आईएस के इलाके बाघोज में युद्ध के दौरान 60000 लोगो ने समर्पण किया है और अब उन्हें सीरिया के अल हॉल शिविरों में रखा गया है।

    सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 73041 लोगो को अल हॉल कैंप में रखा गया है जिसमे 65 प्रतिशत 18 वर्ष से कम उम्र के लोग हैं। शिविर की संख्या में 42 प्रतिशत इराकी और 15 प्रतिशत अन्य देशों के हैं और शेष सीरिया के नागरिक है। 9000 आईएस लड़ाकों को अमेरिकी समर्थित एसडीएफ ने हिरासत में रखा है जिसमे बहुसंख्यक इराकी और सीरिया के देश के बाशिंदे हैं।

    अगर 15 फीसदी यानी 74000 लोगों में से अधिकतर लोग सीरिया और इराक से नहीं है तो 11000 से अधिक लोगो का प्रत्यर्पण करना होगा। कुछ देश सीरिया और इराक आये आईएस सदस्यों को वापस लेने के लिए रज़ामंद है जबकि कई देशों को इसपर विरोध है जैसे रूस में तजाकिस्तान और चेचन्या ने नागरिकों को वापस लिया है जबकि ब्रिटेन ने आईएस ज्वाइन करने वाले नागरिकों की देश में वापसी को सख्त इंकार कर दिया है।

    हज़ारो आईएस लड़ाकों को रखा गया है जो एक प्रमुख खतरा है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को नहीं मालूम कि उनके साथ क्या करना है। अमेरिका चाहता है कि एसडीएफ इन लोगो को बंदी बना कर रखे। लेकिन सीरिया के गरीब इलाके में न सिर्फ खतरनाक लोगो को पनाह देना बल्कि इनके परिवारों का आश्रय खतरा उत्पन्न कर सकता है।

    ईरान अपने आईएस में शामिल नागरिको को वापस लेने के लिए तैयार है इसमें अल होल के 31000 नागरिक भी शामिल है। सीरिया से आईएस के आदिवासी लड़ाकों के साथ एसडीएफ ने समझौता किया है और कुछ स्थानीय लोगो को मुक्त कर दिया है।

    यज़ीदी कार्यकर्ता साल 2014 में इराक के हमले में शामिल आईएस के लड़ाकों को न्याय के कठघरे में खड़े करने और इन्साफ की मांग कर रहे हैं और वह 3000 लापता यज़ीदियों के बाबत जानकारी भी चाहते हैं। गठबंधन ने इससे पूर्व आईएसआईएस के इन अपराधों की जांच में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है और उनका फोकस पर आईएस का अंत करने पर था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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