पेंटागन के प्रवक्ता सीन रोबर्टसन ने कहा कि “सीरिया में अमेरिकी सेना की स्थिति अपरिवर्तनीय रहेंगी। हम राष्ट्रपति सीरिया से सैनिको की वापसी के लिए राष्ट्रपति के दिशा निर्देशों को अमल में लाने का कार्य कर रहे हैं। सैनिको में कमी का फैसला जमीनी हकीकत को जांचने के बाद ही लिया जायेगा।”
अमेरिका-तुर्की विवाद
उन्होंने कहा कि “संख्या और समयसीमा के सन्दर्भ में जानकारी पर सुरक्षा कारणों से चर्चा नहीं कर सकूंगा।” न्यूयोर्क टाइम्स ने गुरूवार से पहले ही जानकारी दी थी कि पेंटागन करीब 150 सैनिको को उत्तरी पूर्वी सीरिया में भेजने के लिए तैयार है ताकि तुर्की की सेना के साथ गश्त की जा सके।
तुर्की की सीमाओं से सटकर सुरक्षित इलाके का निर्माण करने के बाबत रोबर्टसन ने कहा कि “सुरक्षा तंत्र के इन प्रावधानों को अमल में लाने के लिए अमेरिका ने तीव्रता से कदम उठाये हैं और कई मामले में तय समयसीमा से आगे हैं।”
उन्होंने कहा कि “द्विपक्षीय सहयोग में विस्तार, सामंजस्य और परामर्श के लिए अमेरिका अपने सहयोगी तुर्की के साथ करीबी से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।” तुर्की के राष्ट्रपति रिच्च्प तैयाब एर्दोगन ने गुरूवार को ऐलान किया कि वह अमेरिका को उत्तरी पूर्वी सीरिया में सुरक्षित स्थल की रजामंदी के समझौते में देरी करने की अनुमति नहीं देंगे।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एर्दोगन ने कहा कि तुर्की योजना को अमल में लाने में देरी को बर्दाश्त नहीं करेगा। जैसे मंजिब से कुर्दिश वाईपीजी के लडाको को बाहर निकालने में अमेरिका के साथ समझौता हुआ था, जिसकी देरी के लिए अंकारा ने वांशिगटन को कसूरवार ठहराया था।
उन्होंने कहा कि “मंजिब की तरह हम इसमें देरी बिल्कुल बर्दाश्त करेंगे। इस प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करना चाहिए।” बीते हफ्ते तुर्की ने उत्तरी सीरियन बॉर्डर पर जॉइंट ऑपरेशन हब का खुलासा किया था, जहां प्रस्तावित सेफ जोन योजना को अमल में लाया जायेगा।
इस क्षेत्र के लिए योजना में अमेरिका और तुर्की के बीच कई मतभेद है। इस इलाके में अमेरिका और कुर्दिश सेना मिलकर इराक के इस्लामिक स्टेट और आईएसआईएल और आईएसआईएस का खात्मा कर रही है। अंकारा कुर्दिश सेना को आतंकी संगठन मानती है।