डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिबद्धता के मुताबिक सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जायेगा लेकिन 200 सैनिक उसके बावजूद भी वहां तैनात रहेंगे।
सीएनएन के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स ने कहा कि “200 सैनिकों की एक शान्ति सेना सीरिया में कुछ समय के लिए तैनात रहेगी।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर के जरिये जनता को पैगाम दिया कि सीरिया में आईएसआईएस को शिकस्त दे दी है, मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सेना की वहां तैनाती का यही कारण था। प्रशासन का पिछले सप्ताह आईएसआईएस को मात देने पर संशय था और अमेरिका का इस जंग में सहयोग जारी रखने की सलाह दी थी।
डोनाल्ड ट्रम्प की सीरिया से 2000 सैनिको को वापस बुलाने के निर्णय पर वैश्विक जगत ने खेद जताया है। आलोचकों के मुताबिक तुर्की की सेना अमेरिकी समर्थित कुर्दिश लड़ाकों पर हमला कर सकती है और आईएस दोबारा अपने पाँव पसार सकता है।
कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक शाहनन ने बीते हफ्ते यूरोप की यात्रा की थी जहाँ उन्होंने अपने सहयोगियों को भरोसा दिलाया की अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बावजूद सीरिया में 200 सैनिकों की तैनाती रहेगी, लेकिन वह यकीन दिलाने में नाकामयाब रहे थे।
एक वक्त पर आईएस ने अपनी बर्बर विचारधारा को क्षेत्र पर थोप दिया था और हज़ारों समर्थकों को आकर्षित किया था। लेकिन अब जिहादियों ने अपने अधिकतर नियंत्रित इलाकों को खो दिया है।
सीरिया के कुर्द लम्बे समय से विदेशियों की देश वापसी की मांग कर रहे हैं, जो आईएस की हिरासत में थे। लेकिन उनके देश इस पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि “अमेरिका में जन्मी आईएस की प्रचारक पर अब वापस मुल्क लौटने पर पाबंदी है। इस संघर्ष में साल 2011 में 360000 लोगों ने अपनी जान गंवाई है और विस्थापित हुए हैं। राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि अलबामा महिला होडा मुथाना अब अमेरिका की नागरिक नहीं है।