सीरिया और अफगानिस्तान से कभी न खत्म होने वाली जंग से अमेरिका की वापसी के वादे को डोनाल्ड ट्रंप ने दोहराया है। रविवार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ईरान पर निगरानी के लिए वह इराक में तैनात रहेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान में सालों के युद्ध और रक्तपात के बाबत बताया।
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक इंटरव्यू में उन्होंने कहा “राष्ट्र का सामना कीजिये, हम देखेंगे कि तालिबान के साथ क्या होगा। वे शांति चाहते हैं। सभी थक चुके हैं, वे थक चुके हैं।”
हाल ही में खुफिया विभाग ने चेतावनी दी थी कि अमेरिस सैनिकों की सीरिया और अफगानिस्तान से वापसी अलकायदा और इस्लामिक स्टेट को वापसी का मार्ग मुहैया कर सकती है। गुरूवार को भी सदन में इसके खिलाफ समर्थम दिया गया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों से उनकी घरवापसी का वादा , मेरे राष्ट्रपति पद पर चयन का प्रमुख भाग था।
अमेरिका के अधिकारियों की शांति वार्ता के लिए तालिबान के प्रतिनिधियों से बातचीत जारी है, जिससे 17 वर्ष के विवाद के थमने के आसार बढ़ गए हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सेना को वापस आने के आदेश दिए है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस जंगी सरजमीं पर हमने आईएसआईएस को खदेड़ दिया है। अधिकारीयों के मुताबिक अमेरिकी सेना इस आदेश का जल्द पालन कर रही है।
कांग्रेस में एक रिपोर्ट में खुफिया नेताओं ने चेतावनी दी है कि आईएस के अभी भी सीरिया और इराक में हज़ारों लड़ाके हैं, औऱ अमेरिकी सैनिकों की अनुपस्थिति में वह वापसी कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इस रिपोर्ट को गलत और पक्षपाती बताया। इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हमने चरमपंथियों को खत्म कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इराक में हम अपना ठिकाना बनाये रखेंगे क्योंकि ईरान पर निगाह बनाये रखना जरूरी है, असल समस्या तो ईरान है। अगर कोई परमाणु हथियार या अन्य हथियार बनाना चाहेगा, तो समय से पूर्व हमे इसका भान हो जाएगा। उन्होंने कहा हम कभी न खत्म होने वाली इस जंग से बाहर आना चाहते हैं और अपने सैनिकों की घरवापसी चाहते हैं।