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    भारत से फरार विजय माल्या

    कर्ज़खोरी मामले में फसे देश के चर्चित उद्योगपति और शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन से भारत प्रत्यर्पित करने के लिए यूके के गृह सचिव ने अपनी मंजूरी दे दी है।

    हालाँकि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के खिलाफ अपील करने के लिए विजय माल्या को भी 2 सप्ताह का समय दिया गया है। ऐसे में विजय माल्या को लंदन के गृह सचिव को उपयुक्त कारण बताना होगा कि उन्हे भारत प्रत्यर्पित क्यों न किया जाये?

    आप को बताते चलें कि उद्योगपति विजय माल्या देश की विभिन्न बैंकों से लिए गए 9 हज़ार करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि अभी तक बैंकों को लौटाने में असफल रहे हैं और इसी वजह से माल्या ने लंदन में शरण ली हुई है।

    इस संदर्भ में विजय माल्या ने ट्वीट कर बताया है कि 10 दिसंबर 2018 को वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट से फैसला आने के बाद उन्होने अपील नहीं की। वो तब तक अपील नहीं कर सकते थे जब तक गृह सचिव उस फैसले को अपनी मंजूरी नहीं दे देते। हालाँकि अब माल्या इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे-

    विजय माल्या के प्रत्यर्पण की खबर सामने आते ही देश में राजनीतिक हलचल और तेज़ हो गयी है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर तंज़ कसते हुए ट्वीट किया है कि एक ओर जहाँ मोदी सरकार ने विजय माल्या को देश में वापस लाने की ओर एक कदम और बड़ा दिया है, वही दूसरी ओर सारा विपक्ष सारधा के आरोपियों को बचाने के लिए रैली कर रहे हैं-

    गौरतलब है कि गत दिसंबर को वेस्टमिनिस्टर कोर्ट की जज एमा आरबथनॉट ने भारत की अपील को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद से विजय माल्या के प्रत्यर्पन का रास्ता लगभग साफ हो गया था।

    ऐसे में अब विजय माल्या को गृह सचिव के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है। हालाँकि याद विजय माल्या की यह अपील भी ठुकरा दी जाती है तो विजय माल्या वहाँ की सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं।

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