अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन और पाकिस्तान ने एक गुप्त समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान में चीनी हथियारों का निर्माण किया जायेगा। पाकिस्तान ने कहा कि सीपीईसी एक आर्थिक परियोजना है और इसका सैन्यकरण से कोई सम्बन्ध नहीं है।
द्विपक्षीय आर्थिक परियोजना
पाकिस्तानी विदेस मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से जब पूछा गया कि न्यूयॉर्क टाइम में प्रकाशित रिपोर्ट, कि पाकिस्तान में चीन 60 अरब डॉलर की परियोजना के तहत फाइटर जेट और अन्य सैन्य उपकरणों का निर्माण करेगा, उन्होंने कहा कि सीपीईसी एक द्विपक्षीय आर्थिक परियोजना है।
उन्होंने कहा सीपीईसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करेगी, इसके तहत पाक में ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सुधार होगा। मोहम्मद फैसल ने कहा कि यह एक द्विपक्षीय आर्थिक परियोजना है, और यह मेरे मुल्क के खिलाफ नहीं है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट “चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ इन पाकिस्तान टेकस अ मिलिट्री टर्न”, में कहा कि चीन जिस योजना को शांतिपूर्ण कहता है, जिसमे पाकिस्तान रक्षा सम्बन्धी परियोजनाओं में सहयोग कर रहा है, साथ ही इस गोपनीय योजना के तहत नए लडाकू विमानों का निर्माण भी किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान की करोड़ों की सैन्य सहायता को रोक दिया था, उस दौरान पाकिस्तान वायु सेना और चीनी अधिकारियों ने इस गोपनीय योजना को अंतिम रूप दे दिया था।
बीआरआई का विस्तार
बीआरआई के तहत सभी सैन्य परियोजनाओं के ढांचागत विकास कार्यक्रम को 70 देशों तक खींचा जायेगा, जिसकी लागत एक ट्रिलियन डॉलर है और इसका भुगतान चीन कर रहा है। रिपोर्ट में कहा कि चीनी अधिकारियों ने बीआरआई परियोजना को शांतिपूर्ण मंस्सोबे के साथ पूर्ण आर्थिक करार दिया था। पाकिस्तान में चीन इस परियोजना का इस्तेमाल स्पष्ट रूप से अपनी सैन्य मकसदों की पूर्ती के लिए कर रहा है।
चीन-पाकिस्तान के सुरक्षा गठबंधन अरब सागर में गति को बढ़ाने में फायदेमंद होगा। बीआरआई परियोजना के तहत ग्वादर के परियोजना निर्माण का कार्य होगा। इस विकास योजना की कीमत तक़रीबन 80 करोड़ डॉलर होगी। चीन के पश्चिमी बंदरगाह को हाईवे और रेल नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से होते हुए ग्वादर तक जोड़ा जायेगा।