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    असम के डिब्रूगढ़ नगर निगम क्षेत्र में लागू अनिश्चितकालीन कर्फ्यू में शुक्रवार को पांच घंटे की ढील दी गई, जबकि सेना और सुरक्षा बलों ने गुवाहाटी शहर में फ्लैग मार्च जारी रखा है। इससे एक दिन पहले नागरिकता(संशोधन) विधेयक(सीएबी), 2019 को लेकर हिंसक विरोध-प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों ने कहा कि डिब्रूगढ़ नगर निगम क्षेत्र में कर्फ्यू में सुबह आठ बजे से अपराह्न् एक बजे तक ढील दी गई है।

    गुवाहाटी में अन्य किसी भी तरह की हिंसा की कोई रपटें नहीं आई हैं, जहां प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के आह्वान पर राज्य में कला जगत से जुड़े लोग और सिविल सोसायटी 10 घंटे से अनशन पर हैं।

    असम सरकार ने गुरुवार को जोरहाट, गोलाघाट, तिनसुकिया और चाराइदेव जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया था और असम के तेजपुर और धेकियाजुली शहरों में अलग से कफ्यू लगाया था।

    विरोध-प्रदर्शनों में गोली लगने से घायल दो प्रदर्शनकारियों को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां एक को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि दूसरे की इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रदर्शन में कम से कम 11 अन्य घायल हुए हैं।

    अधिकारियों ने इंटरनेट बंदी 48 घंटे के लिए बढ़ा दी है। डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी आने-जाने वाली अधिकतर उड़ानों को रद्द कर दिया गया और और ट्रेनों के परिचालन को भी रोक दिया गया है।

    मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

    संसद के दोनों सदनों में पारित हो चुके नागरिकता संशोधन विधेयक में धार्मिक प्रताड़ना झेलकर 31 दिसंबर, 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से यहां आए हिदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।

    लोकसभा में यह विधेयक सोमवार मध्य रात्रि को और राज्यसभा में बुधवार को पारित हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे गुरुवार रात मंजूरी दे दी।

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