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    कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान की गई अपनी ‘रेप इन इंडिया’ टिप्पणी पर माफी मांगने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह उनका (भाजपा सरकार) मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए ‘महज एक बहाना’ है।

    राहुल ने संसद में मीडिया से कहा, “मैंने इतना ही कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘मेक इन इंडिया’ की बात करते हैं, लेकिन जब भी हम समाचार पत्र खोलते हैं, पूरे भारत में हमें सिर्फ ‘रेप’ के बारे में पढ़ने को मिलता है। भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) शासित हर राज्य में रेप की खबरें हैं।”

    ‘रेप इन इंडिया’ वाली टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “माफी मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता, वर्तमान में चल रहे मुख्य मुद्दों से (नागरिक संशोधन विधेयक) ध्यान भटकाने का सरकार का यह प्रयत्न है।”

    राहुल गांधी ने आगे कहा कि, मेरे पास मेरे फोन पर एक क्लिप है। जिसमें नरेंद्र मोदी जी दिल्ली को ‘बलात्कार की राजधानी’ कह रहे हैं। वह इसे ट्वीट करेंगे ताकि हर कोई देख सके। नॉर्थ ईस्ट में विरोध प्रदर्शनों से ध्यान हटाने के लिए, इसे बीजेपी द्वारा मुद्दा बनाया जा रहा है।

    उन्होंने एक ट्वीट में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। राहुल ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के पारित होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों में पैदा हुए हालात के लिए और भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए उनसे माफी की मांग की।

     

    केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने ट्वीट किया, “पूर्वोत्तर राज्यों को जलाने और भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए मोदी जी को चाहिए कि वह माफी मांगें।”

    इससे पहले राहुल गांधी की ‘रेप इन इंडिया’ टिप्पणी पर शुक्रवार को लोकसभा में भारी हंगामा हुअा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने इस टिप्पणी की निंदा की और राहुल गांधी से माफी की मांग की।

    बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने झारखंड के गोड्डा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि  ”नरेंद्र मोदी ने कहा था ‘मेक इन इंडिया’ लेकिन आजकल आप जहां कहीं भी दिखते हैं, वहां ‘रेप इन इंडिया’ है। उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के एक विधायक ने एक महिला के साथ बलात्कार किया। फिर वह एक दुर्घटना की शिकार हुई, लेकिन नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी नहीं कहा।”

    उनके इस बयान को लेकर संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे दुखद बताया और कहा कि कांग्रेस नेता दुष्कर्म पर राजनीति कर रहे हैं। स्मृति ने राहुल की मां व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से राहुल को सलाह देने और उनका मार्गदर्शन करने का आग्रह किया है। स्मृति ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

    लोकसभा के अंदर राहुल पर निशाना साधते हुए ईरानी ने कहा, “देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि गांधी परिवार के किसी व्यक्ति ने महिलाओं का अपमान करने और उनके दुष्कर्म का आह्वान करने की धृष्टता की है।

    उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार है कि कोई नेता जोर-शोर से कह रहा है कि भारतीय महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया जाना चाहिए। क्या उनके कहने का यह मतलब है कि भारत में हर पुरुष महिलाओं का दुष्कर्म करना चाहता है? क्या यह राहुल गांधी का देश के लोगों को संदेश है?”

    संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में ईरानी ने कहा कि कांग्रेस नेता इस हद तक कैसे गिर सकते हैं, जिनकी टिप्पणी का मतलब ‘पुरुषों को भारत में दुष्कर्म करने के लिए आमंत्रित करने जैसा है।’

    ईरानी ने कहा कि महिलाएं किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं और उन्हें (राहुल को) पता होना चाहिए कि अगर कोई महिलाओं के साथ दुष्कर्म के लिए उकसाता है, तो महिलाओं को पता है कि उन्हें कैसे उचित जवाब देना है।

    लेकसभा में भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने राहुल गांधी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि, मोदी जी ने कहा ‘मेक इन इंडिया’ लेकिन राहुल जी ने कहा ‘रेप इन इंडिया’, वह हर किसी का स्वागत कर रहे हैं कि आओ और हमारा बलात्कार करो। यह एक अपमान है भारतीय महिलाओं और भारत माता के लिए।

    राज्यसभा में भी शुक्रवार को राहुल गांधी के ‘रेप इन इंडिया’ वाले बयान को लेकर हंगामा हुआ था। राज्यसभा में भाजपा के कुछ सांसदों ने उनके बायन को लेकर ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए थे। जिस पर राज्यसभा सभापति वैंकेया नायडू ने कहा था कि, आप ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं ले सकते, जो कि इस सदन का सदस्य नहीं है। किसी के पास भी सदन के व्यवसाय को बधित करने का अधिकार नहीं है।

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