देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के बीच स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को कांग्रेस के शीर्ष नेता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर एक बैठक करेंगे। कांग्रेस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में 22 दिसंबर को जयपुर में एक मार्च की योजना बनाई है और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी को इस विरोध प्रदर्शन में उतारने की भी योजना है।
सीएए के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच कांग्रेस सीधे तौर पर आंदोलन में शामिल नहीं हुई है। पार्टी ने हालांकि शुक्रवार को मोदी सरकार पर लोगों के असंतोष को दबाने के लिए क्रूरता से बल प्रयोग का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने कहा था कि वह छात्रों और विरोध करने वाले नागरिकों के साथ खड़ी है।
एक वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस देश के छात्रों और नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग पर गहरी चिंता व्यक्त करती है और उनके साथ एकजुटता से खड़ी है।
उन्होंने कहा था, “लोकतंत्र में लोगों को सरकार के गलत फैसलों और नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने और अपनी चिंताओं को दर्ज कराने का अधिकार है।”
उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार लोगों की आवाज पर ध्यान नहीं दे रही है और उनके विरोध व असंतोष को दबाने के लिए बल प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए कहा, “सीएए भेदभावपूर्ण है और प्रस्तावित एनआरसी समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को लक्षित करेगा।”
दरअसल, गुरुवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई नेताओं ने सुझाव दिया था कि पार्टी को सीएए के विरोध में हो रहे आंदोलनों का समर्थन करना चाहिए।