पाकिस्तान में अपनी दूसरी यात्रा के दौरान भारत के पंजाब सूबे के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नए विवाद में फंसते दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गलियारे के शिलान्यास समारोह के बाद मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू खालिस्तानी चरमपंथी गोपाल सिंह चावला के साथ तस्वीर खिंचा रहे थे, जिसके बाद में उन्होंने इस तस्वीर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया गया था।
नवजोत सिंह सिद्धू का यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है और भारत में मंत्री सिद्धू के खिलाफ राजनीतिक माहौल भी तैयार हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करना चाहिए।
राज्य सभा के एक सांसद ने कहा कि मंत्री सिद्धू के केस को राष्ट्रीय जांच विभाग को सौंपना चाहिए। मंत्री सिद्धू के दावे कि वह खालिस्तानी समर्थक गोपाल चावला को नहीं जानते है, भाजपा के नेता ने कहा कि मंत्री के मुताबिक उनका खालिस्तान से कोई नाता नहीं है और उसकी निंदा की थी लेकिन फिर भी उनकी जांच एनआईऐ को सौंपनी चाहिए और एनएसए के तहत उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दाल की नेता हरसिमरत कौर ने नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला करते हुए उन्हें पाकिस्तान का एजेंट बताया था। उन्होंने कहा कि इस मसले पर कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
खालिस्तानी चरमपंथी के साथ मंत्री सिद्धू की तस्वीर के बाबत पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने पांच से 1000 बार तस्वीरे खिंचवाई है और मुझे नहीं मालूम नहीं कि यह शख्स कौन है। इसके आलावा पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा ने खालिस्तान की मांग (भारत से अलग पंजाब) करने वाले नेता गोपाल सिंह चावला से हाथ मिलाया था। पाकिस्तान ने इस मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सेनाध्यक्ष खालिस्तानी नेता का स्वागत कर रहे थे।
भारतीय अधिकारियों को लाहौर गुरुद्वारे में प्रवेश और भारतीय सिख श्रद्धालुओं से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी थी। ख़बरों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला जो अभी पाकिस्तान सिख प्रबंधक कमिटी का सचिव है, उसी ने भारतीय अधिकारियों को सिख श्रद्धालुओं से मिलने नहीं दिया था।