“एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR)” द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र में सत्तासीन और खुद को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बताने वाली भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) देश मे राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा घोषित कुल संपत्ति के मामले में भी सबसे बड़ी पार्टी है और सभी राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा घोषित कुल संपत्ति का लगभग 70% संपत्ति बीजेपी के पास है।
कैसा है बैलेंस शीट इन राष्ट्रीय पार्टियों का…
इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सभी 7 राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा घोषित कुल संपत्ति 6988.57 करोड़ में से पहले नम्बर पर भारतीय जनता पार्टी की कुल संपत्ति 4847.78 करोड़ (69.37%) है।
दूसरे नम्बर पर मायावती की बहुजन समाज पार्टी ( ₹698.33 करोड़) है।
देश के संसद में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका निभा रही राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस ( ₹ 588.16 करोड़) तीसरे नंबर पर है।
चौथे नंबर पर की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने ₹569.519 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की है। ममता दीदी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) ₹247.78 करोड़ की संपत्ति घोषित की है और इस मामले में पांचवें स्थान पर है। छठे नंबर की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के पास ₹29.78 करोड़ की घोषित संपत्ति है; वहीं महाराष्ट्र की सत्ता में हिस्सेदार नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) की संपत्ति ₹8.20 करोड़ है और यह सातवें नंबर पर है।
इन 7 राष्ट्रीय पार्टियों ने इस बैलेंस शीट में कुल ₹74.27 करोड़ की लायबिलिटी (देयता) दिखाई है जिसका बड़ा हिस्सा अकेले कांग्रेस पार्टी ( ₹49.55 करोड़) के माथे है।
क्षेत्रीय पार्टियों का क्या रहा हिसाब..
इस रिपोर्ट के मुताबिक सभी 44 क्षेत्रीय पार्टियों ने कुल ₹2129.38 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की है।
₹563.47 करोड़ की संपत्ति के साथ उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी पहले स्थान पर है जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ₹301.47 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों की बात करें तो AIADMK के पास ₹267.61 करोड़ की संपत्ति है और वह क्षेत्रीय पार्टियों की सूची में तीसरे स्थान की धनवान पार्टी है। महाराष्ट्र में 2 राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और एनसीपी के साथ सत्ता चला रही शिवसेना ने ₹185.90 करोड़ की संपत्ति घोषित की है वहीं बिहार में बीजेपी की साथी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के पास ₹45.094 करोड़ की घोषित संपत्ति है।
अगर पिछले रिपोर्ट (2018-19) से तुलना करें तो सबसे प्रमुख बात जो ध्यान देने वाली है कि पिछली बार कुल संपत्ति में बीजेपी की हिस्सेदारी 54.29% थी जो इस बार बढ़कर 69.37% हो गया है। देश की दूसरी प्रमुख पार्टी कांग्रेस पिछली बार के तरह इस बार भी सबसे ज्यादा लायबिलिटी वाली पार्टी है।
एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (Association for Democratic Reform)
एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) भारत की एक निष्पक्ष गैर-सरकारी संगठन है जो भारत मे निर्वाचन और राजनीतिक सुधार हेतु काम करती है। नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) नामक एक और संस्था के साथ मिलकर ADR भारतीय राजनीति में पारदर्शिता और जिम्मेदारी लेने के साथ-साथ चुनावों में पैसा और बाहुबल के प्रभाव को कम करने के लिए काम करती है।
कितना महत्वपूर्ण है ADR के रिपोर्ट्स…
ADR समय-समय पर अपने रिसर्च और विश्लेषण के आधार पर उपरोक्त विषयों से जुड़े कई रिपोर्ट्स जारी करती है जो भारतीय लोकतंत्र में धन-बल और अपराधिकरण के बढ़ते प्रभावों के संबंध में आँख खोल देने वाली है।
अपराधिकरण और पैसा का प्रभुत्व जिस तरह से भारत के राजनीति में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, उसको लेकर सुप्रीम-कोर्ट भी कई बार चिंता जाहिर कर चुकी है। ऐसे में ADR जैसी संस्था द्वारा किया जाने वाला हर प्रयास अति महत्वपूर्ण है।