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    नरेंद्र मोदी जातिवाद

    मोदी सरकार अगले साल से अपने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग के अलावा न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी कर सकती है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद भी सरकार अपने केन्द्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना चाहती है।

    सातवा वेतन आयोग 1 जनवरी 2018 से लागू होगा। इससे देशभर में लाखों सरकारी कर्मचारियों को मदद मिलेगी।

    अगर सातवां वेतन आयोग लागु होता है तो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी समेत केंद्र सरकार के फंड से चलने वाले संस्थानों के कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। इन संस्थानों के कर्मचारियों की सैलरी में 20,000 रुपए से लेकर 40,000 रुपए तक का इजाफा हो सकता है।

    वैसे तो सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्र कर्मचारियों न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपए से 21,000 रुपए करने की कोशिश कर रही है, लेकिन तब भी कर्मचारी खुश नहीं है। उनकी मांग है कि न्यूनतम वेतन को कम से कम 26000 किया जाना चाहिए। आपको बता दे कि सरकार ने न्यूनतम वेतन तो बढ़ाया है, लेकिन एरियर देने का कोई विचार नहीं बनाया है, क्यूंकि अगर सरकार एरियर देती है तो इस से देश के खजाने पर भार पड़ेगा।

    कर्मचारी फिटमेंट फेक्टर से भी असंतुस्ट है जिसे सरकार ने 2.57 से बढ़ाकर 3.0 करने का विचार किया है। कर्मचारियों की मांग है कि फिटमेंट को बढ़ाकर कम से कम 3.68 किया जाए।

    अब देखने वाली बात ये है कि पहले से ही देश के खजाने पर इतना भार है ऐसे में सरकार किस केंद्रीय कर्मचारियों के मांगो को पूरा करेगी, और अगर करेगी तो इस खर्च की भरपाई कहाँ से होगी?