सातवां वेतन आयोग पर रेलवे कर्मचारियों के संगठनों और रेल मंत्रालय के बीच बैठक सकारात्मक थी। उन्हें आश्वासन दिया गया था कि कर्मचारियों को, वेतन पैनल द्वारा सुझाया गया भत्ता मिलेगा। कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया है कि चल रहे अलायन्स में वृद्धि होगी। यदि यह बढ़ता है तो वेतन 10,000 रुपये तक बढ़ जाएगा।
इस मामले से जुड़ी एक फाइल, रेलवे मंत्री को भेज दी गयी है। मीटिंग के दौरान, कई मुद्दों को उठाया गया और इनका नतीजा सकारात्मक रहा। भारत रेलवे पुरुषों के फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे मंत्रालय के साथ वार्ता काफी सफल रही थी।
इसके अलावा, सेना के लिए एक बुरी खबर है। मंगलवार के दिन, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने जूनियर कमिश्नर ऑफिसर सहित 1.12 लाख सैन्य कर्मियों के लिए उच्च सैन्य सेवा वेतन (एमएसपी) के लिए सशस्त्र बलों की लंबी मांग को खारिज कर दिया है।
उन्होंने पीटीआई को बताया कि वित्त मंत्रालय के फैसले से सेना मुख्यालय बहुत ख़फ़ा है। इस फैसले से 1.12 लाख सैन्य कर्मचारी जिसमे नौसेना के बराबर रैंक के 87,646 जेसीओ और 25,434 कर्मी मौजूद हैं और भारतीय वायु सेना बहुत प्रभावित होंगे। सूत्रों के मुताबिक, सेना, जेसीओ के मासिक एमएसपी को 5,500 रूपये से 10,000 रूपये तक बढ़ाने की मांग कर रही थी। अगर सरकार ने मांग स्वीकार कर ली तो कुल वार्षिक वित्तीय खर्च 610 करोड़ रुपये होगा।
सैन्य कर्मचारियों के लिए एमएसपी 2008 में पेश किया गया था। ये सब कठिन परिस्थितियों में ऐसी सेवाएं देने के लिए दिया गया था। वर्तमान में, एमएसपी की दो श्रेणियाँ हैं- एक अधिकारियो के लिए और दूसरी जेसीओ और जवानो के लिए। 7वे वेतन आयोग ने जेसीओ और जवानो के लिए हर महीने 5,500 रूपये एमएसपी के तौर पर रखे हैं। जबकि 15,500 रूपये लेफ्टिनेंट-रैंक और ब्रिगेडियर-रैंक के अधिकारियो के लिए।