सातवाँ वेतन आयोग से वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए एक बुरी खबर है। केन्द्रीय कर्मचारियों की मांग थी कि न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढाकर 26,000 रुपये किया जाए अर्थात फिटमेंट फैक्टर को बाधा कर 2.57 से 3.68 किया जाए लेकिन राज्यसभा में वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्ण ने कहा कि इस तरह के किसी भी बदलाव का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।
दरअसल राज्यसभा के डॉ सांसदों रवि प्रकाश वर्मा और नीरज शेखर ने वित्त मंत्री से सवाल किया था कि क्या सातवें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़ने का प्रस्ताव है तो वित्त राज्यमंत्री ने सीधे सीधे मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जो निर्धारित किया गया है वही लागू रहेगा अगले आदेश तक। अभी इसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।
राज्यसभा में जब पूछ गया कि क्या सरकार एचआरए को 24 फीसदी बढाकर 30 फ़ीसदी करने वाली है तो वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि एचआरए में पहले ही संशोधन हो चूका है। गौरतलब है कि 6 जुलाई 2017 को एचआरए रिवाइव किया गया था। इसके अंतर्गत एक्स कैटेगरी के शहर में यह न्यूनतम वेतन का 27 फीसदी, वाई कैटेगरी के शहर में न्यूनतम वेतन का 18 फीसदी और जेड कैटेगरी के शहर में न्यूनतम वेतन का 9 फीसदी होगा।
सरकार के इस फैसले से वेतन में बढ़ोतरी का इंतज़ार कर रहे 48.41 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है।