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    आज शनिवार, 22 दिसम्बर 2018 को GST काउंसिल की 31वीं बैठा होने जा रही है। इस मीटिंग से लोगों को उम्मीद है की GST के 28 फीसदी स्लैब से वस्तुओं को हटाकर 18 फीसदी के स्लैब में लाया जाएगा। वर्तमान में कुल 31 वस्तुएं GST के 28 फीसदी के स्लैब में हैं जिनमे से 10 वस्तुओं को 18 फीसदी वाले स्लैब में लाये जाने की संभावना है।

    GST की इस बैठक से लोगों को उम्मीद है की डिजिटल कैमरा, एसी, बड़े स्क्रीन टीवी, डिशवॉशर और वायवीय टायर 18% की दर से लाए जाने की संभावना है। 

    GST का इतिहास :

    GST या वस्तु एवं सेवा कर को भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था। इसका लक्ष्य केन्द्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू करना था जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिले। इसके पांच विभिन्न स्लैब हैं।

    लेकिन इसका लोगों ने शुरुआत में बहुत आलोचना की। जब GST आया था तब इसके शुरूआती दिनों में यह विभिन्न राज्यों के VAT आदि पर आधारित था लेकिन समय समय पर बातचीत होने से इस व्यवस्था में सुधार हो रहा है एवं ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी आलोचना करने के बजाय इसे अपना रहे हैं।

    जीएसटी लॉन्च होने के बाद से, काउंसिल ने जुलाई 2018 की बैठक तक कई दरों में कटौती कर चुकी है। कुल मिलाकर, 384 वस्तुओं और 68 सेवाओं की दरें कम की गई, जबकि दर में वृद्धि एक बार भी नहीं की गयी है।

    क्यों है 28 फीसदी के स्लैब से वस्तुओं के हटने की उम्मीद ?

    कुछ समय पहले हुए रिपब्लिक समिट में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा की “वर्तमान में GST एक बड़ी हद तक स्थापित हो चूका है और हम ऐसे मुकाम तक पहुँचने की ओर काम कर रहे हैं जब 99 प्रतिशत वस्तुएं 18 फीसदी GST स्तर के अंतर्गत आएँगी।” उन्होंने बताया की GST आने से पहले देश में कुल 65 लाख रजिस्टर्ड उद्यम जिनमें GST आने के बाद 55 लाख और रजिस्टर्ड हो गए हैं।

    इसी वजह से लोगों को अब उम्मीद है की ये वस्तुएं 28 फीसदी कर स्लैब से हटकर 18 फीसदी स्लैब में आएँगी।

    घटते दरों का प्रभाव :

    ज्यादा वस्तुओं के 18 फीसदी दर में डाले जाने के बाद हालांकि सभी लोग इसे अपना लेंगे लेकिन इसका सरकार के कर संचय का लक्ष्य पूरा नहीं हो पायेगा। केंद्र को अपने बजट को पूरा करने के लिए जहां 1.12 लाख करोड़ की ज़रुरत थी वहाँ अप्रैल से नवम्बर तक केवल 97000 करोड़ रुपयों का संचय ही हो पाया है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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