परिणीति चोपड़ा को अपने किरदारों में घुसकर अभिनय करने के लिए जाना जाता है। अपने डेब्यू ‘इशकज़ादे’ से ही, उन्होंने बॉलीवुड को कई रोमांचक और यादगार फिल्में दी हैं। मगर उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है उनकी आगामी साइना नेहवाल की बायोपिक जिसमे वह शीर्षक किरदार निभा रही हैं। फिल्म के लिए वह आइकोनिक बैडमिंटन खिलाड़ी के दिमाग को समझने की कोशिश कर रही हैं।
एक स्पोर्ट्स बायोपिक करना किसी भी अभिनेता के लिए दोहरी चुनौती होती है। पहला तो उन्हें उस खेल में बहुत अच्छा होना पड़ता है जिस पर फिल्म आधारित है और दूसरा उस खिलाड़ी के दिमाग को समझना, बिना उनकी व्यक्तिगत ज़िन्दगी में घुसे। अपने किरदार के लिए परी ने कमर कस ली है और वह साइना के मैच, इंटरव्यू और उनके पब्लिक अपीयरेंस के वीडियोस देख रही हैं ताकि शूटिंग शुरू होने से पहले उन्हें गहराई से जान सकें।
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वह हर दिन दो घंटे उनके विडियो देखती हैं ताकि वह कोर्ट या कोर्ट के बाहर कैसे रहती हैं-उनके शारीरिक हाव भाव सीख सकें।
उनके मुताबिक, “हां, मैं देखकर सीखने वालो में से हूँ इसलिए सबसे महत्वपूर्ण सुझाव जो मेरी पूरी ट्रेनिंग टीम, अमोल सर और सबसे मिला वो था कि मुझे साइना के मैच देखने चाहिए। मैंने इतने सारे बैडमिंटन मैच नहीं देखे थे और मैं वास्तव में उनके जैसा खेलना चाहती हूँ।”
“इसलिए उनके मैच देख रही हूँ, कैसे वह अपने पैर चलाती हैं, कैसे अपने हाथों का इस्तेमाल करती हैं, कैसे अपने रैकेट का इस्तेमाल करती हैं, कोर्ट पर उनकी आक्रामकता। ये ऐसी चीज़ है जिसे मैं अपने व्यक्तित्व के हिस्से के रूप में देखना चाहती हूँ, इसलिए उनके सारे मैच और विडियो देखने हैं।”
फिल्म का निर्देशन अमोल गुप्ता कर रहे हैं जबकि ये भूषण कुमार के निर्माण में बन रही है। फिल्म अगले साल की शुरुआत में रिलीज़ होगी।