इकनोमिक टाइम्स को दिए गए एक साक्षात्कार में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार के विकेंद्रीकृत ढांचे की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को नरसिम्हा राव और डॉ मनमोहन सिंह से सुधारों को लागू करने की सीख लेनी चाहिए।
पूर्व कांग्रेस नेताओं को सराहा :
इस साक्षात्कार के दौरान रघुराम राजन ने कांग्रेस नेताओं को नियमों को लागू करने की नीति की सराहना की। उन्होंने कहा “उन्होंने यह भी कहा कि इससे कुछ सीखा जा सकता है कि किस तराह पूर्व कांग्रेस प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री ने परदे के पीछे काम किया एवं कुछ जाहिर नहीं किया।”
मोदी सरकार पर दिया बयान :
इसके साथ साथ रघुराम राजन ने कई दुसरे विषयों पर भी चर्चा की जिसमे से एक मोदी सरकार था। उन्होंने इस विषय में कहा”मोदी सरकार के बारे में सकारात्मक बात यह थी की जीएसटी के साथ साथ दिवालियापन क़ानून अधिनियम लागू किया गया लेकिन इसके बारे में नकारात्मक बात यह है की वह श्रम एवं भूमि सुधार नियमों को लागू करने में अक्षम रही।”
रोजगार बढ़ाना सबसे अहम् :
हम जानते हैं भारत काफी हद तक खपत वाली अर्थव्यवस्था है, जो पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर रहा है। लेकिन आगे जाकर हमें एक और अधिक रोजगार पैदा करने वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना होगा, अगर अच्छी नौकरियां नहीं बनती हैं तो इस विकास का कोई भी फायदा नहीं होगा। उपभोग और निवेश को साथ साथ चलना चाहिए।
आरबीआई एवं सरकार के संबंद में बयान :
कुछ समय पहले सरकार एवं आरबीआई के बीच मतभेदों के चलते उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बारे में रघुराम राजन से उनके विचार पूछे गए तो उन्होंने बताया”RBI गवर्नर के लिए वित्त मंत्री के नीचे लेकिन आम तौर पर नौकरशाही से ऊपर होना उचित होगा, क्योंकि यह उचित नहीं है कि RBI गवर्नर को सरकार में सचिव द्वारा निर्धारित किया जाए। ”
यह बात उल्लेखनीय है की उर्जित पटेल के इस्तीफा देते ही पूर्व नौकरशाह शक्तिकांत दास को सरकार द्वारा नया गवर्नर घोषित कर दिया गया था।