हाल ही में सूत्रों से ज्ञात हुआ है की सरकार पब्लिक सेक्टर के तीन बैंक : पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स एवं पंजाब एंड सिंध बैंक का विलय कर एक ही बड़ा बैंक बना देने की संभावना पर विचार कर रही है।
अरुण जेटली करेंगे फैसला :
सूत्रों ने बताया की केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के नेत्रित्व वाला एक मंत्रियों का समुह इस पर विचार करेगा। इसके बाद अंतिम फैसला अरुण जेटली द्वारा लिया जायेगा। हालांकि यह अभी तय नहीं है की ऐसा फैसला चुनावों से पहले लिया जाएगा या फिर बाद में। लेकिन यह फैसला लिया जाना ज़रूर है।
विलयन में आएगी यह मुश्किल :
यदि सरकार इस फैसले को अंतिम रूप देती है तो इसके रास्ते में एक दिक्कत यह होगी की इन तीनों बैंकों का हेडक्वार्टर एक शहर में नहीं है। हालांकि पंजाब एंड सिंध बैंक और पंजाब नेशनल बैंक का हेडक्वार्टर दिल्ली शहर में ही है लेकिन ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स का हेडक्वार्टर गुरुग्राम हरयान में है।
तीनों बैंकों का हाल ही में प्रदर्शन :
PNB ने पिछली तिमाही में घाटे के बाद दिसंबर 2018 के माध्यम से तीन महीनों में शुद्ध लाभ में 7% की वृद्धि दर्ज की। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले हफ्ते ही ओरिएण्टल बैंक पर अक्टूबर 2017 से लगे कई प्रतिबंध हटा दिए थे, जो त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे के तहत थे।
हालांकि पंजाब और सिंध बैंक ने इस वित्तीय वर्ष की पहली दो तिमाहियों में नुकसान देखा है। पिछले वित्त वर्ष में घाटे में से, यह केंद्रीय बैंक की निगरानी सूची में नहीं बना है और इसकी शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 5.25% का अनुपात अपेक्षाकृत सभ्य है।
देना बैंक, बैंक ऑफ़ बरोडा और विजय बैंक का भी किया था विलयन :
सरकार ने ओरिएण्टल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और पंजाब और सिंध बैंक को जोड़ने का फैसला लिया क्योंकि कुछ समय पहले तीन और बैंकों को विलयन किया गया था जिसमे देना बैंक, बैंक ऑफ़ बरोडा और विजय बैंक शामिल हैं। इससे सरकार को बैंकों पर बेहतर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।