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    वोडाफोन आईडिया

    भारत के सबसे बड़े टेलिकॉम प्रदाताओं में से एक, वोडाफोन आईडिया ने बुधवार को अपनी तीसरी तिमाही के आंकड़े पेश किये। बता दें की आईडिया के साथ जुड़ने के बाद यह वोडाफोन की पहली तिमाही थी जब इसके परिणाम होषित किये गए हैं। 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त तीसरी तिमाही में उसे  11,760 करोड़ रुपये के कुल राजस्व पर 5,004.6 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

    परिणामों की पूरी जानकारी :

    बुधवार को वोडाफोन आईडिया ने अपनी तीसरी तिमाही में कुल 5,004.6 करोड़ रुपये के घाटा दर्ज करने की रिपोर्ट दी। हालांकि इस प्रदाता को इतना बड़ा घाटा हुआ है लेकिन भारत में दुसरे प्रदाताओं की तुलना में इसका राजस्व सबसे ज्यादा रहा है। जहां एयरटेल का तीसरी तिमाही 10,053 करोड़ का राजस्व था और जिओ का 10,383 करोड़ का राजव था वहीँ वोडाफोन आईडिया ने इसे पछाड़ते हुए तीसरी तिमाही में कुल 11,760 करोड़ रूपए का राजस्व दर्ज किया।

    इसके साथ पिछली तिमाही की तुलना में वोडाफोन की कुल 52 प्रतिशत ज्यादा आय रही। तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय 11,982.8 करोड़ रुपये रही, जो जुलाई-सितंबर तिमाही के 7,878.6 करोड़ रुपये के आंकड़े से 52 फीसदी अधिक है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी की कुल आय 6,551.6 करोड़ रुपये रही।

    औसत आय प्रति ग्राहक में वोडाफोन सबसे पीछे :

    दिसंबर तिमाही में भारती एयरटेल के 104 रूपए की औसत आय और Jio की 130 रूपए औसत आय प्रति ग्राहक की तुलना में वोडाफोन आइडिया के लिए प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व(ARPU) ₹ 89 रहा जोकि तीनों ऑपरेटरों में सबसे कम था। हालांकि, सितंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया के Arpu में 88 रूपए तक बढ़ोतरी हुई थी।

    3.5 करोड़ ग्राहक खोये :

    बुधवार को पेश की गयी रिपोर्ट्स के अनुसार वोडाफोन आईडिया ने दिसम्बर तिमाही में कुल 3.5 करोड़ ग्राहक खो दिए। हालांकि यह वोडाफोन के लिए निराश होने वाली बात नहीं है क्योंकि इतने ग्राहक खोने के साथ साथ वोडाफोन ने 95 लाख नए 4G ग्राहक जुड़ गए और इसके साथ साथ वोडाफोन की बिहार और झारखण्ड सर्किल में कनेक्टिविटी मरीं भी सुधार हुआ है। इससे वोडाफोन के 4G ग्राहकों के तेजी से बढ़ने का अनुमान है।

    जिओ के बढ़ते दबाव के चलते वोडाफोन ने हाल ही में अपनी कंपनी के अधिकारों को बेचकर करीब 25,000 करोड़ रूपए जुटाए हैं। यह इस राशि का जिओ से प्रतिस्पर्धा के लिए अपनी विभिन्न योजनाओं में लगाएगा ताकि ग्राहकों की गह्त्ति संख्या को रोका जा सके और घाटे कम किये जा सके।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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