एक नए अध्ययन से पता चला है कि शार्क, पेंग्विन, कछुए और अन्य समुद्री प्रजातियां इंसानों को इलेक्ट्रॉनिक टैग से समुद्र संबंधी जानकारी प्रदान करने में मदद कर सकती हैं।
ब्रिटेन में एक्सेटर विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक टीम ने कहा कि सेंसर ले जाने वाले जानवर प्राकृतिक व्यवहार जैसे बर्फ के नीचे गोता लगाना, उथले पानी में तैरना या धाराओं के खिलाफ चलना जैसे कई काम कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक डेविड मार्च ने कहा, “हम समुद्र के बारे में सिखाने व बताने के लिए पशु-जनित सेंसर की विशाल क्षमता को उजागर करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “यह पहले से ही सीमित पैमाने पर हो रहा है, लेकिन इसमें बहुत अधिक गुंजाइश है।”
हजारों समुद्री जानवरों को विभिन्न प्रकार के अनुसंधान और संरक्षण उद्देश्यों के लिए टैग किया गया है। मगर वर्तमान में महासागरों में एकत्रित जानकारी का व्यापक रूप से जलवायु परिवर्तन और अन्य बदलावों को ट्रैक करने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है।
इसके बजाए निगरानी ज्यादातर अनुसंधान जहाजों, पानी के नीचे ड्रोन और हजारों फ्लोटिंग सेंसर द्वारा की जाती है।
मार्च ने कहा, “हमने 183 प्रजातियों को देखा, जिसमें ट्यूना, शार्क, व्हेल और उड़ने वाले समुद्री पक्षी शामिल हैं और वे क्षेत्र जहां वे निवास करते हैं। हमने खराब सेंसर वाले क्षेत्रों में महासागर की सतह (विश्व स्तर का 18.6 फीसदी) की पहचान करने के लिए फ्लोटिंग सेंसर से 15 लाख से अधिक माप संसाधित किए हैं।”
ग्लोबल चेंज बायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि कछुए या शार्क द्वारा एकत्र किए गए डेटा वैश्विक जलवायु परिवर्तनशीलता और मौसम पर बड़े प्रभाव के साथ अन्य दूरदराज और महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी समुद्र की निगरानी बढ़ा सकते हैं।