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mitosis and meiosis difference in hindi

विषय-सूचि


किसी भी कोशिका के जीवन चक्र में कोशिका विभाजन एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है। विभाजन द्वारा ही कोशिकाएँ प्रजनन करते हुए अपने डीएनए की प्रतिलिपी बनाती हैं।

कोशिकाओं का विभाजन तीन तरीकों से संभव है –

  • बाइनरी विखण्डन
  • समसूत्री विभाजन
  • अर्धसूत्री विभाजन

बाइनरी विखण्डन (binary fission in hindi)

यह विखण्डन प्रोकरयोटिक (जिनमें न्यूक्लियस की झिल्ली और जटिल अंग न हों) कोशिकाओं में देखने मिलता है। मदर सेल (जन्म देने वाली कोशिका) दो डॉटर सेल (नई बनी हुई कोशिकाएँ) में टूट जाती है। यह अलैंगिक प्रजनन है। अमीबा तथा परमिसियम भी बाइनरी विखण्डन करते हैं।

प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ समसूत्री और यूकैरियोटिक कोशिकाएँ अर्धसूत्री विभाजन से प्रजनन करती हैं। वुकरयोटिक कोशिकाएँ वह होती हैं जिनकी संरचना जटिल होती है तथा उनके पास परिभाषित जिल्लियाँ भी होती हैं।

समसूत्री विभाजन (mitosis in hindi)

समसूत्री विभाजन प्रक्रिया में एक कोशिका अपने न्यूक्लियस के गुणसूत्रों ( क्रोमोजोम ) को दो समान ( एक ही जैसे ) हिस्सों में बाट लेती है। इन दो हिस्सों को डॉटर सेल कहते हैं। वस्तुतः, मदर सेल दो हिस्सों में बट के डॉटर सेल्स बनाती है, जो कि मदर सेल की प्रतिलिपि होती हैं।

ऐसा असल कोशिका के न्यूक्लियस को दो हिस्सों में तोड़ कर किया जाता है। डॉटर सेल्स में मदर सेल जितने ही गुणसूत्र होते हैं। समसूत्री विभाजन भी अलैंगिक प्रजनन का ही स्वरूप है।

बनने वाली कोशिकाएँ अपनी माँ की क्लोन ( सटीक प्रतिलिपि ) होती हैं। प्रजनन का यह माध्यम तेज़ और प्रभावी है। परंतु क्योंकि डॉटर सेल्स मदर सेल्स जैसी ही होती हैं, इनमे विविधता नहीं लाई जा सकती।

इस कारण यदि माँ में कोई दोष या बीमारी हो, तो उसके बच्चों में भी वही दोष और कमियाँ आ जाएँगी।

अर्धसूत्री विभाजन (meiosis in hindi)

अर्धसूत्री विभाजन लैंगिक प्रजनन का प्रकार है। यह यूकरिओट्स में होता है। इसमे एक कोशिका में एक ही तरह के दो गुणसूत्र होते हैं। एक तरह का माता से और एक पिता से, जिसे हम युग्मनज ( जाइगोट , जो अंडाणु के शुक्राणु द्वारा किए गए निषेचन से बनता है ) भी कहते हैं।

ये दो बार टूटते हैं। पहली बार टूटके के दो डॉटर सेल्स बनती है और फिर वो दोनों और दो में टूट जाती हैं। यानी कुल चार सेल्स बन जाती हैं, जिनमे हर गुणसूत्र की एक नकल होती है।

यह डॉटर सेल्स ही युग्मक ( गैमेट्स ) और बीजाणु ( स्पोर्स ) कहलाते हैं। ये युग्मक और बीजाणु जानवरों और ज़मीनी पौधों के लिए अंडाणु और शुक्राणु की भूमिका निभाते हैं। चुँकि हर एक कोशिका में माता और पिता दोनो के गुणसूत्र होते है, बनने वाली कोशिका का गुणसूत्र अद्वितीय होता है।

इस कारन डॉटर सेल्स अनुवांशिक रूप से पैरेंट सेल से बहुत अलग होता है। जिस वजह से उस कोशिका की आबादी में विविधता आना संभव है। तो यदि माता पिता को कोई बीमारी हो, तो ये आवश्यक नहीं कि डॉटर सेल को भी वह हो।

समसूत्री विभाजन और अर्धसूत्री विभाजन में दो बड़ी असमानताएँ पाई जाती हैं। पहली यह कि अर्धसूत्री विभाजन में 4 कोशिकाएँ बनती है, जिनमे मदर सेल से आधे गुणसूत्र रहते हैं।

जबकि समसूत्री में दो कोशिकाएँ बनती है, और उनमें मदर सेल जितने ही गुणसूत्र होते हैं। अर्धसूत्री विभाजन में विविधता संभव है, पर समसूत्री विभाजन में विविधता संभव नहीं।

समसूत्री विभाजन और अर्धसूत्री विभाजन में अंतर (difference between mitosis and meiosis in hindi)

दोनों विभाजनों के बीच के अंतर को एक तालिका में देखते हैं-

समसूत्री विभाजन (mitosis) अर्धसूत्री विभाजन (meiosis)
विवरण यह अलैंगिक प्रजनन प्रक्रिया है, जिसमे दो समान कोशिकाएँ एक कोशिका से बनती है, जिनमे मदर सेल जिनते ही गुणसूत्र होते हैं। ये अगुणित कोशिका है। यह लैंगिक प्रक्रिया है, जिसमे चार कोशिकाएँ बनती हैं, और उनमें मदर सेल से आधे गुणसूत्र होते हैं। यह द्विगुणित कोशिका है।
प्रजनन का प्रकार आलैंगिक लैंगिक
काम प्रजनन और कोशिका का सामान्य विकास और मरम्मत प्रजनन
कहाँ होता है सभी जन्तुओं में मनुष्यों, जानवरों, पौधों और कवक (फंगी) में
किन कोशिकाओं में दैहिक (सोमेटिक) कोशिकाओं में, जिससे शरीर बनता है युग्मक ,जिनसे प्रजनन होता है
कितनी बार विभाजन होता है एक बार दो बार
क्या बनता है दो एक समान डॉटर सेल(कोशिकाएँ) चार द्विगुणित कोशिकाएँ
गुणसूत्रों का मिलना असंभव संभव
गुणसूत्रों की गिनती मदर सेल ( कोशिका ) जितनी ही मदर सेल से आधे

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16 thoughts on “समसूत्री विभाजन और अर्धसूत्री विभाजन क्या हैं? अंतर, जानकारी”
  1. समसूत्री विभाजन और अर्धसूत्रीविभाजन के बीच का मुख्य अंतर क्या है?

    1. अन्तरावस्था को विस्राम अवस्था क्यो कहते है ?

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