आरजेडी के ‘युवराज’ और लालू प्रसाद यादव के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार में ‘जनादेश अपमान यात्रा’ पर निकले हैं। भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर उन्होंने मोतिहारी से नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ यह यात्रा शुरू की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया था और इस यात्रा को ‘जनादेश अपमान यात्रा’ का नाम दिया था। इस यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने पूरे बिहार में घूमकर नीतीश कुमार के खिलाफ महागठबंधन को तोड़ने और जनादेश को अपमान करने का आरोप लगाया। इसी क्रम में तेजस्वी यादव कल भागलपुर में एक सभा को सम्बोधित करने वाले थे। पर भागलपुर जिला प्रशासन ने उन्हें सभा की इजाजत नहीं दी और धारा 144 लागू कर दी। इसके विरोध में तेजस्वी यादव भागलपुर रेलवे स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने सरकार को चेताया कि वह वापस भागलपुर आएंगे और सृजन घोटाले में शामिल लोगों का विसर्जन करेंगे।
बिहार की सत्ताधारी जेडीयू-भाजपा गठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य और केंद्र की सरकारें नहीं चाहती है कि मैं भागलपुर आऊं। उन्होंने कहा कि भागलपुर में सृजन एनजीओ के जरिये 2000 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। बिहार की नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस घोटाले में सरकार से जुड़े कई लोग शामिल हैं। इनमे भाजपा, जेडीयू के कई वरिष्ठ नेताओं का भी नाम है। सरकार इन सभी लोगों को बचाना चाहती है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि जनादेश अपमान यात्रा के तहत भागलपुर हम सृजन घोटाले में शामिल लोगों का विसर्जन करने ही आये थे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार उनसे डर गई है। इस तरह ऐन वक्त पर सभा रद्द कर सरकार ने उनका और जनादेश यात्रा का अपमान किया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। तेजस्वी यादव करीब 2 घंटे तक भागलपुर रेलवे स्टेशन के परिसर में धरने पर बैठे रहे। उनके साथ आरजेडी कार्यकर्ताओं का हुजूम था। भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार के बहुत समझने के बाद तेजस्वी होटल के लिए रवाना हुए।