केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रतिबंधित उम्र की महिलाओं के आने की खबर के बाद एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक पत्रकार के भी घायल होने की खबर है।
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे एक महिला भक्त ललिता की पहचान की गई है जिसकी उम्र 50 वर्ष से कम है। जबकि पुलिस ने कहा कि वह 52 साल से अधिक की थीं। वो अपने परिवार के साथ आई थी और पुलिस सुरक्षा में मंदिर में पूजा करने वाली थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करने वाले लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच दो दिवसीय विशेष पूजा के लिए दो सप्ताह में दूसरी बार साबरिमला मंदिर खोला गया।
इस बीच, केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के उद्देश्य से तीर्थयात्रियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि ‘आप तीर्थयात्रियों के लिए कठिनाइयों का कारण नहीं बन सकते हैं।’
सभी उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर को 17 अक्टूबर को छह दिनों के लिए खोला गया था लेकिन कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन के कारण किसी भी महिला भक्त को मंदिर में प्रवेश करने में सफलता नहीं मिल पाई थी।
10-50 साल के आयु वर्ग की कई महिलाओं जिनमे कई सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शामिल थे, को विरोध प्रदर्शन करते अयप्पा भक्तों ने रोक दिया था जिसके कारण मंदिर और आस पास का क्षेत्र रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था।
केरल की विपक्षी पार्टी भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के के खिलाफ भरी विरोध प्रदर्शन कर रही है जबकि सरकार का कहना है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।